इंडियन नेवी के जवान अजीत सिंह का शव पहुंचा तो रो पड़ा पूरा गांव
Bharatpur News , भरतपुर। महज 23 दिन बाद ही बहादुर बेटा अजीत सिंह घर तो लौटा, मगर तिरंगे में लिपटकर आया और इस बार हर किसी की आंखे नम कर गया। सबसे हमेशा-हमेशा के लिए जुदा हो गया। अजीत सिंह मूलरूप से राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव वस्त्रावली के रहने वाले थे। भारतीय नौसेना में केरल के कोच्ची में तैनात थे।
बेटे ने दी चिता को मुखाग्नि
27 दिसम्बर को कोच्ची स्थित नौसेना बेस में एयरक्राफ्ट हैंगर का दरवाजा गिरने से अजीत सिंह व उनका हरियाणा के भिवानी निवासी साथी घायल हो गए थे। इन्हें अस्पताल ले जाया गया, चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
अजीत सिंह की पार्थिव देह शनिवार को पैतृक गांव वस्त्रावली पहुंची। छह साल के बेटे गर्वित ने चिता को मुखाग्नि दी। अजीत सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
अजीत सिंह का जीवन परिचय
अजीत सिंह 29 जुलाई 2009 में इंडियन नेवी में भर्ती हुए थे। उसकी पत्नी पार्वती देवी भी उनके साथ ही कोच्ची में रहती थी। वह गुरुवार को ही कोच्ची से भरतपुर लौटी थी। रास्ते में नौसेना के अधिकारियों ने उसे हादसे की जानकारी दी थी। उल्लेखनीय है कि अजीत सिंह घर आए हुए थे। इसी 6 दिसम्बर पहले ही डयूटी पर लौटे थे। अजीत सिंह का छोटा भाई गब्बर सिंह बीए कर रहा है। पिता बिजेंद्र सिंह व माता मोहनी देवी किसान है।