Khatu Shyam Mela 2021 : खाटू मेले में श्रद्धालु इस बार नहीं लूट पाएंगे बाबा श्याम का 'खजाना', जानिए वजह
खाटूश्यामजी (सीकर)। राजस्थान के सीकर जिले के गांव खाटू में इन दिनों बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला जारी है। साल 2021 का खाटू मेला 17 मार्च से शुरू हो चुका है, जो 27 मार्च तक जारी रहेगा। कोरोना काल में भर रहे खाटू मेले की खास बात है कि इस बार श्रद्धालु बाबा श्याम का 'खजाना' नहीं लूट पाएंगे।
दरअसल, श्याम भक्तों द्वारा खाटूश्यामजी का 'खजाना' लूटने की एक परम्परा है, जो होली के दूसरे दिन धुलंडी को निभाई जाती है। साल 2021 की होली 28 और धुलंडी 29 मार्च को है।
धुलंडी तक रुकते हैं प्रवासी श्याम भक्त
खाटूश्यामजी के वार्षिक मेले में देशभर से लाखों श्याम भक्त आते हैं, जो मुख्य मेले के बाद लौट जाते हैं, मगर बड़ी संख्या में श्याम भक्त खाटूश्यामजी में ही रुक जाते हैं। ये धुलंडी के दिन बाबा श्याम संग होली खेलकर जाते हैं। इनमें बड़ी संख्या प्रवासी श्याम भक्तों की होती है।
Khatu Shyam Ji History: राजस्थान के सीकर में क्यों लगता है खाटू फाल्गुन लक्खी मेला
धुलंडी को बंद रहेंगे खाटूधाम के पट
धुलंडी को श्याम भक्तों द्वारा खाटू दरबार में फूलों की होली खेलने के दौरान ही 'खजाना' लूटने की परम्परा निभाई जाती है, मगर साल 2021 का खाटू मेला कोरोना गाइड लाइन के तहत भर रहा है। ऐसे में धुलंडी के दिन बाबा श्याम के पट बंद रहेंगे और होली खेलने व खजाना लूटने की रस्में नहीं निभाई जाएगी।
कैसे लूटते हैं बाबा श्याम का खजाना?
धूलंडी के दिन श्याम भक्त सुबह से ही खाटू मंदिर परिसर में होली खेलना शुरू कर देते हैं। अपराह्न तक बाबा श्याम संग होली खेली जाती है और शाम को खाटूश्यामजी की फूलडोल आरती होती है, जिसमें प्रवासी श्रद्धालुओं को खाटू मेले में आए चढ़ावे में से सिक्के प्रसाद के रूप में दिए जाते हैं। इसी को बाबा श्याम का खजाना कहा जाता है।
क्यों मचती है खजाना लूटने की होड़?
श्याम भक्तों में मान्यता है कि खाटूश्यामजी में खजाना लूटने के दौरान उन्हें मिले सिक्के वे अपने गल्लों व तिजोरियों में रखते हैं ताकि उनके व्यापार में कई गुना वृद्धि हो। बाबा श्याम का यह खजाना लूटने के लिए प्रवासी श्रद्धालु धुलंडी तक खाटूधाम में रुकते हैं।
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