पाक की जेल से 36 साल बाद लौटा गजानंद, धूप से डरता है, पत्नी को कहता है मां
जयपुर। भारतीय नागरिक गजानंद शर्मा बीते सोमवार को 36 साल बाद अपनी सरजमीं पर वापस लौटे। पाकिस्तान द्वारा उन्हें रिहाई मिली, जिसके बाद वो अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचे। गजानंद पिछले 36 सालों से पाकिस्तान के लाहौर की जेल में कैद थे। गजानंद को सिर्फ 2 महीने की सजा हुई थी लेकिन काउंसलर एक्सेस नहीं होने के कारण वह 36 साल से जेल में बंद थे। गजानंद शर्मा मानो अब भी कैदी की तरह अंधेरी कोठरी में ही है। शर्मा को रोशनी से अब भी डर लगता है। परिजनों से बात करने से भी कतरा रहा है और कुछ पूछने पर जवाब नहीं दे पाते। यहां तक की वह अपनी पत्नी तक को नहीं पहचान पा रहे हैं। पत्नी से बोलने पर गजानंद उन्हें माताजी कह कर पुकारते हैं।
गजानंद शर्मा जयपुर के नाहरगढ़ के फतेहराम टीबा स्थित अपने घर 14 अगस्त को पहुंचे थे, लेकिन उनकी अजीबो-गरीब हरकतें परिजनों को हैरान कर रहीं हैं। परिजनों का आरोप है कि पाकिस्तान ने जेल में इतना प्रताड़ित किया है कि वह अपनी याद्दाश्त तक भुला चुके हैं। परिजनों ने बताया कि वह किसी ने मिलना पसंद ही नहीं करते और कभी-कभी मुंह ही मुंह में कुछ बोलते हैं, लगता है जैसे उर्दू बोल रहे हों। वह सुबह से रात तक एक ही कमरे में रहता है। बाहर निकलने का प्रयास ही नहीं करता। गजानन्द कमरे में पलंग पर ही पूरा समय गुजराता है। अधिकतर समय चुपचाप लेटा रहता है और पता नहीं क्या सोचता रहा है। रोशनी से घबराता है और लम्बे समय तक बिना बोले रहता है।
परिजनों के अनुसार लंबे समय तक पाकिस्तान रहने के कारण कभी कभी वह मुसलमानों की तरह अभिवादन करता है। परिजनों के अनुसार पत्नी मखनी देवी उन्हें बहुत कुछ याद दिलाना चाहती है, लेकिन अपने हाथों से पता नहीं क्या गिनता रहता है। गजानंद के बेटों ने बताया कि उनका व्यवहार बिलकुल भी साधारण नहीं कहा जा सकता। उनकी पत्नी ने बताया कि वह किसी भी बात की सामान्य प्रतिक्रिया तक नहीं दे रहे हैं। उनकी मानसिक स्थित ठीक नहीं है। बात करने की ज्यादा कोशिश करो, तो वह गुस्सा हो जाते हैं और चिड़चिड़ाने लगते हैं। परिजन ने उन्हें जल्द ही किसी मनोचिकित्सक को दिखाने की बात कही है। परिजनों ने बताता कि मुख्यमंत्री ने गजानन्द को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। ये राशि अब तक नहीं मिली है।