दुर्लभ बीमारी से जूझ रही कर्मचारी की बेटी को है 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत, कंपनी ने थमाया चेक
दुर्लभ बीमारी से जूझ रही कंपनी की बेटी के इलाज के लिए कोल इंडिया ने कर्मचारी को 16 करोड़ रुपए का चेक सौंपा है।
रायपुर, 20 नवंबर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कंपनी ने अपने कर्मचारी को 16 करोड़ रुपए का चेक सौंपा है। इतनी बड़ी राशि उन्हें किसी पुरस्कार के तौर पर नहीं मिली, बल्कि अपनी बच्ची का इलाज कराने के लिए मिली है। दरअसल एसईसीएल कंपनी में काम में ओवरमैन के तौर पर काम करने वाले सतीश कुमार रवि की बेटी सृष्टि रानी स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी नामक एक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है।
बीमारी को ठीक करने के लिए 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत
यह एक ऐसी बीमारी है जो आम तौर पर बच्चों में होती है, इस बीमारी से पीड़ित बच्चे की स्पाइन कॉर्ड और ब्रेन स्टेम में नर्व सेल की कमी से उसकी मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर पाती और समय गुजरने के साथ यह बीमारी घातक हो जाती है और एक उम्र के बाद इसका इलाज भी मुमकिन नहीं है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए जिस इंजेक्शन 'जोलजेंस्मा' की जरूरत होती है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है, जिसे खरीदना हर किसी के बसकी बात नहीं, लेकिन कोल इंडिया इस कठिन परिस्थिति में अपने कर्मचारी की मदद के लिए आगे आई है। बता दें कि एसईसीएल कंपनी कोल इंडिया का ही हिस्सा है।
कोल इंडिया ने सतीश को सौंपा गया 16 करोड़ का चेक
एसईसीएल दीपका परियोजना के खनन महाप्रबंधक शशांक शेखर देवांगन ने बताया कि शुक्रवार को सतीश कुमार रवि को 16 करोड़ रुपए का चैक सौंप दिया गया। कंपनी से मदद पाकर सतीश का परिवार काफी खुश है। परिवार का कहना है कि अब उनकी बच्ची भी एक सामान्य जीवन जी पाएगी।
कर्मचारी और उसका परिवार कंपनी की असली संपत्ति
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सृष्टि के इस बीमारी से ग्रसित होने का पता चला था। इस समय एम्स दिल्ली और एसईसीएल से सूचीबद्ध अपोलो अस्पताल बिलासपुर में सृष्टि का इलाज चल रहा है और वह अपने घर पर एक पोर्टेबल वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। शशांक शेखर देवांगन ने कहा कि कंपनी ने ऐसा कर एक उदाहरण पेश किया है। कंपनी के लिए कर्मचारी और उसका परिवार ही असली संपत्ति हैं और किसी भी कीमत पर उनकी जान बचाना कंपनी का सबसे महत्वपूर्ण काम है।