Chhattisgarh: दीपावली पर सुपर मार्केट से खरीदेंगे लोग गोबर, 10 रुपये में बिक रहा है एक पैकेट
दीपावली के मौके पर पूजा-अर्चना और पवित्र संस्कार 5 दिन पूर्व से शुरू हो जाते हैं। क्योंकि इस पर्व में होने वाले पूजा पाठ के दौरान गाय के गोबर की जरूरत पड़ती है,जो कि शहरों में आसानी से नहीं मिल पाता,इसलिए छत्तीसगढ़ के शहरो
रायपुर, 12 अक्टूबर। इस महीने की 24 तारीख को दीपावली का त्यौहार है। दीपावली के मौके पर पूजा-अर्चना और पवित्र संस्कार 5 दिन पूर्व से शुरू हो जाते हैं। क्योंकि इस पर्व में होने वाले पूजा पाठ के दौरान गाय के गोबर की जरूरत पड़ती है,जो कि शहरों में आसानी से नहीं मिल पाता,इसलिए छत्तीसगढ़ के शहरों में सुपर मार्केट में गोबर का पैकेट की बिक्री शुरू हो गई है।
सनातन धर्म में है गोबर का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म के तीज त्योहारों में देसी गाय के गोबर के इस्तेमाल की परम्परा रही है,लिहाजा पूजा पाठ में गोबर का अलग ही महत्व है। विकसित हॉ चुके शहरों से ग्रामीण इलाकों का सिस्टम लगभग विलुप्त हो चुका है। पहले गाय लोगों के घर के बाड़े में बंधी होती थी,अब केवल डेयरी फार्म हाउस में दिखाई देती हैं।
ऐसी स्थिति में तीज त्यौहार या किसी विशेष पूजन के समय शहरी लोगों को देसी गाय का गोबर मिलना बेहद मुश्किल होता है। कई बार ऐसे मौकों पर काफी पैसे खर्च करके शहर के बार बसे गांवों से गोबर मंगवाना या लाना पड़ता है।
10 रुपये प्रति पैकेट
इस दीपावली ,गोवर्धन पूजा में रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में लोगों को गोबर लाने के लिए गांव नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि शहर में ही सुपर मार्केट सी मार्ट पर गोबर उपलब्ध है। मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर में मात्र 10 रुपये में लिपाई के लिए गोबर का पैकेट मिलेगा। गोकुल नगर जोन 6 के गौठान में कार्यरत महिला स्व सहायता समूह की सदस्य देसी गाय के गोबर की सुंदर पैकिंग कर रही है। ऐसी ही योजना अन्य शहरों को लेकर भी हैं।
रंग बिरंगा गोबर हो रहा तैयार
रायपुर जिले के गोकुल नगर गौठान की देसी गायों का गोबर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से संचालित सी-मार्ट में जनता के लिए किफायती दामों पर उपलब्ध रहेगा।गाय के गोबर में अलग-अलग रंग मिलाकर पीला,लाल, बैगनी और हरा रंग दिया जा रहा है। पैकेट में बंद यह गोबर एक किलो के वजन के साथ सी-मार्ट में लोगों के लिए उपलब्ध रहेगा।
गोबर के दीपक की भी मांग
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से प्रदेश के हर जिले में गौठान संचालित किये जा रहे हैं। इस गौठानों में गाय के गोबर से कई तरफ के उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं। गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बीते साल चप्पल, सजावटी सामान, दीप समेत कई चीजें बनाई थी। इस बार भी इस उत्पादों की बाजार में अच्छी खासी मांग को देखते हुए उनका निर्माण किया जा रहा है। गांवों में दीपावली की तैयारी शुरू हो चुकी है। महिलाएं गोेबर की दीपक बनाने में जुट चुकी हैं।
गोबर का पेंट भी हो रहा है तैयार
दीपावली में घरों की रंगाई पुताई भी होती है। छत्तीसगढ़ के गौठानों में गाय के गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है।,उम्मीद है कि यह भी बाजार में उपलब्ध होग। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री ने महिलाओं द्वारा निर्मित किये गए उत्पादों की सराहना करते हुए अपर मुख्य सचिव को कहा था कि, राज्य की सभी शासकीय स्कूलों में पोताई कार्य में गौठान या रूरल इंण्डस्ट्रीयल पार्क में निर्मित गोबर से बने पेंट का उपयोग करने के निर्देश जारी करें,लिहाजा जल्द ही छत्तीसगढ़ के स्कूलों की रंगाई-पोताई अब गोबर से निर्मित पेंट से होगी।
ज्ञात हो कि राज्य में स्थापित किए गए गौठानों में रूरल इंण्डस्ट्रीयल पार्क विकसित किया जा रहा है। इन पार्को में स्व सहायता समूह की महिलाओं गोबर से पेंट बनाने का काम भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का जरिया देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों में रंगाई-पोताई गोबर से बने पेंट से करने के निर्देश दिये हैं।
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