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'पवित्र ग्रंथों से बेअदबी की तो उम्रकैद', पंजाब सरकार ने राष्ट्रपति से की इस कानून को मंजूरी देने की मांग

'पंजाब में पवित्र ग्रंथों से बेअदबी की तो उम्रकैद', पंजाब सरकार ने राष्ट्रपति से की इस कानून को मंजूरी देने की मांग

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चंडीगढ़, 21 दिसंबर: पवित्र धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के कथित मामलों को लेकर दो लिंचिंग के बाद पंजाब में तनाव का माहौल है। इसी बीच बेअदबी के केस में दोषियों को सख्त सजा देने के लिए पंजाब सरकार की ओर से कुछ विधेयक विधानसभा में पारित किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्र से बेअदबी के मामलों में कड़ी सजा के लिए दो राज्य विधेयकों पर राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने का आग्रह किया है। ये दोनों विधेयक अक्‍टूबर 2018 से मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास लंबित है। इन दोनों बिल को पंजाब के राज्यपाल ने 12 अगस्त 2018 को मंजूरी दे दी थी। अब इन बिलों को फिर से स्वीकृति करने के लिए पंजाब सरकार आनन-फानन में हैं।

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दंड प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 और भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 को साल 2018 में विधानसभा को मंजूरी दे दी गई थी। राज्यपाल ने भी इस पर सहमति दी थी। उसी वक्त से यह राष्ट्रपति के पास लंबित है। इस कानून में लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, कुरान और बाइबिल को नुकसान पहुंचाने या अपवित्र करने वाले को उम्रकैद तक की जेल की सजा का प्रावधान करता है।

इस कानून को लेकर सोमवार (20 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे अपने पत्र में पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि "पंजाब में पवित्र पुस्तकों की बेअदबी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है"। उन्होंने लिखा, "श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों द्वारा एक जीवित गुरु माना जाता है, न कि एक वस्तु और इसे सिख मर्यादा के अनुसार सम्मान दिया जाता है।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कानूनी प्रावधान, जो तीन साल तक की जेल की सजा का प्रावधान करते हैं, "इस स्थिति से निपटने के लिए अपर्याप्त हैं।"

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उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लिखा, ''पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते, यहां सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए, बेअदबी करके सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के लिए निवारक सजा जरूरी है। इसलिए, मैं फिर से अनुरोध करता हूं कि उक्त के लिए राष्ट्रपति की सहमति कृपया यथाशीघ्र विधेयक प्राप्त करें और राज्य सरकार को अवगत कराएं।"

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English summary
Punjab Govt Push For Life Term For Sacrilege Laws Amid Row Over Lynching
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