DHFL घोटाले के आरोपी अविनाश भोंसले के पास मिला अगस्ता वेस्टलैंड का हेलीकॉप्टर, CBI ने किया सीज
पुणे, 31 जुलाई। सीबीआई ने पुणे के व्यापारी अविनाश भोंसाले के पास से अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा निर्मित हेलीकॉप्टर को सीज कर लिया है। फोंसले पर बैंक के साथ 34614 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने का आरोप है, इसी मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने हेलीकॉप्टर को सीज किया है। भोंसले के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान सीबीआई अधिकारियों को उसके पास हेलीकॉप्टर है इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद सीबीआई ने शनिवार को इसे सीज कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड निर्मित यह हेलीकॉप्टर अविनाश भोंसले ने खरीदा था। अविनाश को हाल ही में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
हाल ही में डीएचएफएल घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई ने भारतीय आर्टिस्ट एफएन सूजा और एसएच रजा की पेंटिंग जिसकी कीमत 5.50 करोड़ रुपए थी उसे बरामद किया था। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 1956 की ऑयल ऑन कैनवास पेंटिंग जिसका टाइटल विलेज था उसे सीज किया था। इस पेंटिंग को एसएच रजा ने बनाया था और इसकी कीमत 3.50 करोड़ रुपए थी। जबकि एफएन सूजा द्वारा 1964 में बनाई गई पेंटिंग को बरामद किया गया था, उसकी कीम दो करोड़ रुपए थी। सीबीआई ने दो लग्जरी घड़ियां जैकब एं कंपनी व फ्रैंक मुलर जेनेवा बरामद की है जिसकी कीमत 5 करोड़ रुपए है।
इसे भी पढ़ें- नोएडा में 3 चीनी नागरिकों को पुलिस ने किया अरेस्ट, पिछले 2 महीनों मे 30 गिरफ्तार
दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल वाधवान, उस वक्त के डायरेक्टर धीरज वाधवान, उद्योगपति सुधाकर शेट्टी और अन्य आरोपियों के खिलाफ 17 बैंकों के साथ फर्जीवाड़ा करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि कपिल वाधवान व अन्य आरोपियों ने बैंकों से 42871 करोड़ रुपए का लोन लिया और इसके बड़े हिस्से को किताबों में गबन किया और इसका दुरुपयोग किया। इन लोगों के फर्जीवाड़े से बैंकों को 34615 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
सीबीआई ने इस मामले में डीएचएफएल के कपिल वाधवान, धीरज वाधवान, स्काइलार्क बिल्डकॉर्प प्राइवेट लिमिटेड, दर्शन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिगटिया कंस्ट्रक्शंस बिलडर्स प्राइवेट लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, शिशिर रिएलिटी प्राइवेट लिमिटेड, सनब्लिंक रियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। सभी आरोपियों को धोखाड़धड़ी, फर्जीवाड़ा से संबंधित धाराओं के तहत बुक किया गया है। जानकारी के अनुसार बैंकों ने इन आरोपियों को 2010 से लोन देना शुरू किया था, लेकिन 2019 में इन लोन को एनपीए घोषित कर दिया गया।