यहां चिल्लाने वाले मरीजों को बांध दिया जाता है बेड से
समस्तीपुर( मुकुंद सिंह)। बिहार का एक ऐसा अस्पताल जहां मरीजों के हाथ पैर बांध कर इलाज किया जाता है। अस्पताल में ऐसा कौन सा इलाज होता है कि डॉक्टर मरीजों का हाथ पैर बांध देते हैं। जानने के लिये चलते हैं समस्तीपुर। बिहार के समस्तीपुर जिले के सदर अस्पताल में ज्यादा चिल्लाने वाले मरीजों का हाथ पैर बांध कर बैड पर छोड़ दिया जाता है।
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पिछले दिनों एक युवक नशे में धुत होकर सड़क पर घुम रहा था। जिसे आसपास के लोगों ने इलाज के लिए नजदीकी सदर अस्पताल में भर्ती कराया। नशे में धुत होने के कारण युवक काफी देर तक अस्पताल में लोगों का तमाशा बनता रहा। लोगों के साथ साथ वहां के डॉक्टर भी उस का तमाशा देखते रहे पर किसी ने उसकी मदद या इलाज करने की कोशिश नहीं की। वहीं नशे की हालत में ज्यादा जोर जोर से चिल्लाने की वजह से हॉस्पिटल के वार्ड बॉय ने उसका हाथ-पैर बांधकर भगवान भरोसे छोड़ दिया।
हाथ पैर बांधने के बाद वह और चिल्लाता रहा। लेकिन घंटो बीत जाने के बाद भी जब डॉक्टर उसके इलाज के लिए नहीं पहुंचे। आसपास के लोगों ने अस्पताल प्रशासन और सूबे की स्वास्थ विभाग के ऊपर तरह तरह के आरोप लगाना शुरु कर दिया। लोगों का आरोप है कि जब जिले में नशामुक्ति केंद्र है, तो उसे वहां ले जाना चाहिये था। यहां लाकर उसके हाथ पैर बांध कर ऐसे क्यों छोड़ दिया गया।
मामला उजागर होने के बाद सिविल सर्जन डॉ. अवध कुमार ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एएन शाही से जवाब-तलब किया है।और उन्होंने यह स्पष्ट रूप से बताने को कहा है कि किस परिस्थिति में उक्त युवक का हाथ-पैर बांध कर इलाज किया गया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यह मामला गंभीर है। हाथ-पैर बांध कर इलाज करने को किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता है।