बिहारः लालू यादव की वापसी पर BJP-JDU और राजद में बयानबाजी, कहा- लालू यादव में वो बात नहीं रही
पटना। राजद सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को जमानत मिलते ही प्रदेश की राजनीति की ओबोहवा बदलने लगी है। एक तरफ जहां सत्ता पक्ष हमलावर हो रहा है तो वहीं विपक्ष पूर्ण रूप से लालू प्रसाद के सक्रिय होने का इंतजार कर रहा है। सत्तारुढ़ दल के नेता लालू प्रसाद यादव को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं राजद पलटवार करने की कोशिश कर रहा है। 9 मई यानी कि रविवार को लालू प्रसाद यादव अपनी पार्टी के विधायकों, सांसदों, पूर्व सांसद-विधायकों और नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग करेंगे।
इसी मामले पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने लालू प्रसाद पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चारा घोटाला में सजा काट रहे लालू प्रसाद को जमानत पर छोड़ने के लिए आधी सजा काटने से लेकर गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने तक की कई दलीलें दी गई थीं। लेकिन जमानत मिलते ही अपना राजनीतिक कार्यक्रम घोषित कर रहे हैं। अब पार्टी उनकी बीमारियों को भूल चुकी है।
साथ ही उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को पहले अपने स्वास्थ्य और कोरोना लहर से परेशान जनता की चिंता करनी चाहिए। राजद प्रमुख सुनिश्चित करें कि पार्टी अनाप-शनाप बयानबाजी बंद कर पीड़ितों की सेवा में रचनात्मक सहयोग में लगे।
वहीं जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि लालू यादव को अब तक 56 बीमारी थी, जैसे ही बाहर आ रहे हैं इनकी बीमारी दूर होती जा रही है। दरअसल, लालू यादव छात्र जीवन से ही छद्म रूप धारण कर लेते थे। वैसे भी लालू यादव में वो दम नहीं रहा कि वो अपने नेताओं में जोश भर सकें। उनके नेता हताश और निराश हो चुके हैं।
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वहीं राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भाजपा-जदयू के नेता लालू यादव के नाम से ही भयाक्रांत हो गए हैं। उन्हें डर हो गया है कि उनके नीचे की जमीन खिसकने वाली है। लालू यादव के दिल्ली रहते इतना डर है कि यदि वो पटना आ जाएंगे तो ये नेता कहीं खुदकुशी ना कर लें। ये स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर रहे, जिसका कोई असर राजद और लालू जी के सेहत पर नहीं पड़ने वाला है।