आतंकवाद के खात्मे के लिए पाक ने लिया बड़ा फैसला, सोशल मीडिया से हटाए जाएंगे आतंकी समूहों के पेज
इस्लामाबाद। आंतकी संगठनों के लिए धन उगाही, लोगों की भर्ती करना और इस्लाम के नाम पर झूठ फैलाने का आसान रास्ता बन चुके सोशल मीडिया से भी उन्हें हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पाकिस्तान में लश्कर-ए-इस्लाम समेत अन्य 65 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सोशल मीडिया के रास्ते अब बंद कर दिए जाएंगे।
पाकिस्तानी फेडरल इन्वेस्टिगेश एजेंसी (FIA) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन प्रतिबंधित संगठनों के फेसबुक, वाट्सएप,ट्विटर और टेलीग्राम पर बनाए गए एकाउंट्स और फेसबुक पन्ने बंद किया जाना शुरू कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि ये संगठन सोशल मीडिया प्लेफॉर्म्स का उपयोग ईर्ष्या, पैसे जुटाने और एक कठोर इस्लामी व्यवस्था की मांग करने के लिए प्रयोग में लाए जाते थे। इसके जरिए वो देश के अल्पसंख्यक शिया और पवित्र युद्ध, कश्मीर और अफगानिस्तान के खिलाफ सुन्नी लोगों को उकसाते हैं।
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कार्यकर्ता, पत्रकार और तमाम अन्य पाकिस्तान की साइबरस्पेस की निगरानी करने वाले समूहों का कहना है कि कि सोशल मीडिया पर सक्रिय प्रतिबंधित समूह पर कोई भार नहीं है क्योंकि कई सैन्य, उसकी खुफिया एजेंसियां, कट्टरपंथी धार्मिक समूहों और राजनेताओं द्वारा इन्हें वोट के लिए संरक्षण प्राप्त है।
यहां तक कि एफआईए के कुछ आधिकारियों यह स्वीकार किया कि कुछ प्रतिबंधित समूहों को राज्य का समर्थन स्वीकार है। कहा कि हर कोई अपने आतंकवादियों की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा, प्रतिबंधित साइट से संबंधित कुछ साइट जानबूझकर खुफिया अटेंशन पाने के लिए अनदेखी कर रहे हैं।
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फेसबुक - ट्विटर ने कहा...
फेसबुक और ट्विटर ने कहा है कि वे "आतंकवादी सामग्री" पर प्रतिबंध लगाते हैं। पिछले साल की दूसरी छमाही में, ट्विटर ने अपनी साइट पर कहा था कि उसने 376,8 9 0 खाते निलंबित कर दिए थे क्योंकि वो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे थए, हालांकि वे कहते हैं कि 2% से कम खातों को सस्पेंड करने का अनुरोध सरकारों की ओर से किया गया था। फेसबुक ने इस बीच, पिछले महीने एक ब्लॉग में कहा था कि वह "आतंकवादी सामग्री" को खोजने और हटाने के लिए आर्टिफीशिय इंटेलीजेंस और ह्यूमन रिव्यूवर्स का उपयोग करता है।
बता दें कि आतंकी समूहों के सोशल प्लेटफॉर्म्स को बंद करने के फैसला से कई आतंकियों को करारा झटका लगेगा। हाफिज सईद सरीखे आतंकियों के समूहों की ओर से चलाए जा रहे फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद तमाम अन्य प्रतिबंधित संगठनों की ओर से किए जा रहे झूठे प्रचार का रास्ता बंद हो जाएगा। यह बात दीगर है कि हाफिज के संगठन फलाह-ए-इंसानियत के फेसबुक पेज पर भारत विरोधी वीडियो प्रसारित किए जाते रहे हैं।