कारगिल के 17 वर्ष बाद नवाज ने कहा वाजपेई के साथ किया विश्वासघात
इस्लामाबाद। कारगिल युद्ध के 17 वर्षों के बाद आखिरकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के साथ विश्वासघात किया था।
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नवाज ने वाजपेई की दोस्ती को याद करते हुए शरीफ कहा कि वाजपेयी साहब ने इस बात की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि जनाब एक तरफ तो लॉ ऑफ डिक्लियरेशन हो रहा है और दूसरी तरफ कारगिल के जरिए उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया।
नवाज पैनल डिस्कशन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेई साहब ठीक कहते हैं। उनकी जगह मैं भी होता तो यही कहता। उनकी पीठ में वाकई छुरा घोंपा गया था।
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शरीफ ने आगे कहा, 'लेकिन मैं ये गिला किससे करूं अब। जिस रब को आप मानते हैं। उस रब को हम भी मानते हैं। उनसे ही गिला करूं।'
वर्ष 1999 में वाजपेई पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने के मकसद लाहौर तक बस लेकर गए थे और दोनों देशों के बीच वार्ता की शुरुआत हुई थी। वहीं दूसरी ओर पाक की ओर से घुसपैठ की कोशिशें हो रहीं थी।
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इसका नतीजा था गई में शुरू हुआ कारगिल वॉर। उस समय भी नवाज ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। जुलाई में खत्म हुए करगिल वॉर भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे।