पाकिस्तान: बेटियां स्कूल जाएंगी तो इश्क हो जाएगा, पढि़ए ऑनर किलिंग की दर्दनाक दास्तां
लाहौर। सोचकर ही अजीब सा लगता है कि भला 'मोहब्बत' को भी कोई 'किलर' हो सकता है क्या? अरे जो चीज हर किसी को प्यार सिखाती हो वो दूसरों को नुकसान कैसे पहुंचा सकती है? लेकिन ये बात दकियानूसी दस्तूर बनाने वालों और नफरत को सौदागरों को कितनी बार समझाई जाए। उन्हें कितनी बार बतायी जाए कि इज्जत के नाम पर मोहब्बत का खून करने से ना इज्जत बढ़ती है और ना मोहब्बत हारती है। पाकिस्तान में झूठी शान की खातिर हत्या (ऑनर किलिंग) का एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपनी बेटी का गला हाथों में लिया और तब तक उसे दबाती रही जब तक बेटी की सांसें नहीं रुक गईं। फिर उसने मिट्टी का तेल उठाया और अपनी बेटी पर छिड़कर उसे आग के हवाले कर दिया।
बेटी का कसूर सिर्फ इतना था कि उसे प्यार हो गया था
परवीन की बेटी का नाम जीनत (18) था। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वो मोहल्ले के ही एक युवक हसन से प्यार हो गया था। हसन पेशे से मैकेनिक था। जीनत जानती थी कि इस रिश्ते को उसके घरवाले कभी नहीं स्वीकार करेंगे इसलिए वो भागकर हसन से निकाह कर ली। लड़की लड़के के साथ रहने लगी। कुछ ही दिन में घर वाले लेने आ गए। डांट फटकार कर तो बात बनने नहीं वाली थी, तो प्यार से मना कर ले गए कि धूम धाम से शादी करेंगे, सबके सामने। लड़की मान गई, घर लौट आई।
फिर शुरु हुआ झूठी शान का तांडव
दो दिन सब ठीक चला, तीसरे दिन लड़ाई झगड़ा शुरू हुआ। घर आने के चौथे दिन ही परवीन पर गुस्सा इसकदर सवार हुआ कि उसने गला दबाकर जीनत की हत्या कर दी। उसके सिर पर गुस्सा इसकदर सवार था कि मर जाने के बाद परवीन ने जीनत पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया। वो यहीं नहीं रुकी। आग लगाने के बाद उठती लपटों के बीच वो छत पर चढ़ कर चिल्लाने लगी, "मार दिया मैंने अपनी बेटी को, बचा ली मैंने अपनी इज्जत, अब वो कभी मेरा नाम खराब नहीं कर सकेगी।"
क्या कहना है परवीन के मोहल्ले वालों का
जिस वक्त मां बेटी में झगड़ा हो रहा था, जीनत की भाभी चिल्ला रही थी, "कोई उसकी मदद करो।" मोहल्ले वाले चीखें सुन रहे थे लेकिन कोई बचाने नहीं आया। मोहल्ले वालों से पूछेंगे तो पता चलेगा कि मां ने जो किया ठीक ही किया। परवीन के ही मोहल्ले में रहने वाली मुनीबा बीबी का कहना है कि "लड़कियों पर घर की इज्जत संभाल कर रखने की जिम्मेदारी होती है। खानदान की नाक कटाने वाली बेटी होने से तो बेहतर है कि आपकी कोई औलाद ही ना हो।"
बेटियों स्कूल जाएंगी तो लड़कों से इश्क हो ही जाएगाा
मुनीबा बीबी का कहना है कि उनकी अपनी भी बेटियां हैं और उन्हें यकीन है कि पढ़ाई लिखाई ही बेटियों के हाथ से निकलने की असली वजह है। अपनी बेटियों पर लगाम कैसे कसनी है, वो अच्छी तरह जानती हैं, "दिक्कत सारी यह है कि लड़कियां स्कूल जाने लगी हैं, वहां लड़के दिखते हैं और इन्हें इश्क हो जाता है। मैं तो अपनी बेटियों को कभी स्कूल नहीं भेजूंगी, यही इलाज है इसका।"
परवीन को मिली सजा ए मौत
मामले की सुनवाई करते हुए पाकिस्तान की एक कोर्ट ने परवीन को मौत की सजा सुनाई है। इससे पहले परवीन उम्रकैद की सजा काट रही थी।
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