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चीन के बिलियन डॉलर वाले CPEC की वजह से पाकिस्‍तान में बढ़ रहा है गुस्‍सा, कभी भी हो सकती है संघर्ष की स्थिति

चीन ने पाकिस्‍तान में चाइना-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के जरिए बिलियन डॉलर का जो निवेश किया है उसकी वजह से लगातार पाकिस्‍तान में तनाव बढ़ता जा रहा है। अगर यह इसी रफ्तार से चलता रहा हो तो फिर दक्षिण एशिया के इस हिस्‍से में स्थिति बड़े संघर्ष वाली हो सकती है।

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बीजिंग। चीन ने पाकिस्‍तान में चाइना-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के जरिए बिलियन डॉलर का जो निवेश किया है उसकी वजह से लगातार पाकिस्‍तान में तनाव बढ़ता जा रहा है। अगर यह इसी रफ्तार से चलता रहा हो तो फिर दक्षिण एशिया के इस हिस्‍से में स्थिति बड़े संघर्ष वाली हो सकती है। यह वॉर्निंग एक एनजीओ की तरफ से चुनावों से सिर्फ कुछ ही दिन पहले आई है। पाकिस्‍तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने वाले हैं और माना जा रहा है कि सीपीईसी से जुड़ी यह वॉर्निंग चुनावों को एक अलग रंग दे सकती है।

अभी बढ़ेगा राजनीतिक तनाव

अभी बढ़ेगा राजनीतिक तनाव

बेल्जियम स्थित इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) की ओर से सीपीईसी को लेकर चेतावनी दी गई है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट के मुताबिक 63 बिलियन डॉलर वाले इस प्रोजेक्‍ट की वजह से पूरे देश में कई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स चल रहे हैं। इसकी वजह से आने वाले दिनों राजनीतिक तनाव और प्रतिद्वंदिता बढ़ सकती है अगर चीन और पाकिस्‍तान ने इससे जुड़ी चिंताओं को दूर नहीं किया। आईसीजी की ओर से कहा गया है, 'पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को साफ तौर पर सुधार की जरूरत है और कई अधिकारियों का मानना है कि सीपीईसी इस दिशा में बड़ी मदद कर सकता है।

पाकिस्‍तान को मिलने वाले आर्थिक फायदे पर शक

पाकिस्‍तान को मिलने वाले आर्थिक फायदे पर शक

वर्तामन समय में जिस तरह का मॉडल सामने है उसके बाद इस कॉरीडोर की वजह से राजनीति तनाव बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।' आईसीजी के मुताबिक इस कॉरीडोर की वजह से पाकिस्‍तान में तनाव और सामाजिक असंतुलन के साथ ही संघर्ष की नई वजहें पैदा हो रही हैं। इस कॉरीडोर के पूरा हो जाने के बाद ट्रांसपोर्ट, एनर्जी, इंडस्‍ट्रीयल और एग्रीकल्‍चर प्रोजेक्‍ट्स 2,700 किलोमीटर की दूरी तक होंगे। ग्‍वादर पोर्ट से लेकर अरब सागर और काश्‍गर तक चीन के शिनजियांग तक चीन का ही साम्राज्‍य होगा।आईसीजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब भी फिलहाल यह कहना जल्‍दबाजी होगा सीपीईसी की वजह से पाकिस्‍तान को आर्थिक फायदा होगा, लेकिन इस प्रोजेक्‍ट की वजह से केंद्रीय और छोटी सरकारों के बीच कई तरह के तनाव पैदा हो गए हैं।

मिलिट्री की मौजूदगी से लोगों में बढ़ी चिंता

मिलिट्री की मौजूदगी से लोगों में बढ़ी चिंता

प्रांतों के अंदर ही आर्थिक विकास और संसाधनों के बंटवारे को लेकर पहले से ही तनाव की स्थिति है। आईसीजी के डायरेक्‍टर ने भारतीय मीडिया के साथ बात करते हुए कहा है कि ग्‍वादर में पहले ही लोग पाकिस्‍तान सेना की ओर से पूर्व में की गई कार्रवाई की वजह से आक्रामक हो चुके हैं। अब उन्‍हें यहां पर जरूरत से ज्‍यादा सेना की मौजूदगी से चिंता होने लगी है। 25 जुलाई को पाकिस्‍तान में चुनाव होने वाले हैं और निश्चित तौर पर आईसीजी की यह रिपोर्ट राजनेताओं को प्रभावित कर सकती है। चीन ऐसी किसी भी घटना से बचना चाहता है जो उसके प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा सकें।

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English summary
A non-profit organisation has warned that China's massive investment in Pakistan could fuel greater conflict in the South Asian nation if it continues on its current path.
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