इमरान खान के पाकिस्तान का बुरा हाल, चपरासी के 1 पद के लिए आए 15 लाख आवेदन, M.Phil वाले भी लाइन में
नई दिल्ली, 28 सितंबर: आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान के देश पाकिस्तान में रोजगार के लिए लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। हालत ये हो गई कि एक चपरासी की नौकरी के लिए 15 लाख लोगों ने आवेदन किया है। नौकरी देने का वादा करने वाले पीएम इमरान को अब वहां के युवा जमकर कोस रहे हैं।
एक पद के लिए 15 लाख लोगों का आवेदन
दरअसल हाल ही में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हाईकोर्ट के अंदर चपरासी के एक पद का विज्ञापन आने के बाद कम से कम 15 लाख लोगों ने आवेदन दिया है। अधिकारियों की मानें तो नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एम.फिल की डिग्री वाले भी लाइन में हैं। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के मुताबिक देश में मौजूदा वक्त में 24 फीसदी पढ़े लिखे यानी शिक्षित लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं।
इमरान खान के दावों की हकीकत
प्रधानमंत्री इमरान खान ने इससे पहले दावा करते हुए बताया था कि देश में बेरोजगारी दर 6.5 प्रतिशत है, लेकिन सामने आए आंकड़े देश की बेरोजगारी की कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। डॉन में छपि एक रिपोर्ट में पीआईडीई के मुताबिक वहां की बेरोजगारी दर 16 फीसदी तक जा पहुंची है। इसी के साथ दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में कम से कम 24 प्रतिशत एजुकेटेड लोग बेरोजगार हैं।
एम.फिल डिग्री वालों ने भी किया अप्लाई
बेरोजगारी के इन आंकड़ों की सच्चाई उस वक्त सामने आई जब हाल ही में हाई कोर्ट में 15 लाख लोगों ने एक चपरासी के पद के लिए अप्लाई किया। पाकिस्तान के समाचार पत्र की रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी थे, जो अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
40 प्रतिशत ग्रेजुएट लोग बेरोजगार
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स ने सीनेट की स्थायी समिति को योजना और विकास पर ब्रीफिंग दी थी, जिसमें बताया गया कि देश में 40 फीसदी ग्रेजुएट लोगों के पास रोजगार नहीं है। इसी के साथ ये भी कहा कि 40 फीसदी शिक्षित जिनकी एजुकेशन ग्रेजुएशन या इससे कम हैं वो भी बेरोजगार हैं। इसके अलावा इस बात भी खुलासा किया गया कि कुछ युवाओं को एम.फिल करने के बाद भी बेहतर जॉब नहीं मिल रही है।
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