नोएडा: इलाज के इंतजार में कार के अंदर हुई महिला की मौत, मिन्नतें करने के बाद भी नहीं मिला बेड
नोएडा: इलाज के इंतजार में कार के अंदर हुई महिला की मौत, मिन्नतें करने के बाद भी नहीं मिला बेड
नोएडा, मई 01: कोरोना वायरस संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक महिला की राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के सामने कार में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महिला को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और वो तीन घंटे से ज्यादा समय तक उसका शव कार में पड़ा रहा। हालांकि, डॉक्टर उसकी कार तक पहुंचे और उसे मृत घोषित कर चले गए। इसके बाद वहां कोई ऐसा जिम्मेदार नहीं था, जो महिला के शव को मोर्चरी तक पहुंचवा दे।
ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 में रहने वाली जागृति गुप्ता (35) वैष्णवी इंजीनियरिंग कंपनी में काम करती थी और मध्य प्रदेश की रहने वाली थी। खबरों के मुताबिक, वह कुछ दिन से बीमार चल रही थी। शुक्रवार (30 अप्रैल) सुबह जब उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी और ऑक्सीजन लेवल कम हो गया, तो उसके साथी और किराएदार ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के प्रयास किया, वे उसे लेकर नोएडा के सभी अस्पतालों में घूमे, लेकिन किसी ने भी भर्ती करना तो दूर उसका इलाज तक नहीं किया। अंत में वह कल 12:30 बजे करीब जिम्स अस्पताल पहुंचे।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) की पार्किंग में कार के अंदर जागृति गुप्ता पड़ी तड़पती रही। लेकिन अस्पताल नें इन्हें कह दिया कि न बेड है और न ही ऑक्सीजन। गुरूवार सुबह 12:30 यहां पहुंची जागृति के साथ आए लोग बार-बार डॉक्टरों से मिन्नतें करते रहे। इस सारी कवायद में 3 घंटे बीत गए और इस बीच अपनी खुद की सांसों को जागृति संभाल नहीं पाई और उसकी सांसें थम गईं। जागृति की साथी ने डॉक्टरों से जाकर कहा की उसकी हालत बेहद क्रिटिकल और सांस भी थम सी गईं हैं, तब डॉक्टर बाहर आए. जागृति का जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
नोएडा में इस वक्त हालात बेहद खराब हैं, सरकारी अस्पतालों के बाहर कोरोना मरीज़ों के परिवार वाले मायूस होकर वापस लौट रहे हैं। नोएडा प्रशासन ने ऑनलाइन कोविड ट्रैकर बना रखा है, जहां ऑक्सीजन और आईसीयू बेड मिलाकर कुल 2568 बेड हैं। लेकिन एक भी खाली नहीं है।