PCS एग्जाम में फेल हुई तो बन गई फर्जी IFS अफसर, पीएम मोदी की सुरक्षा में भी लगाई थी सेंध
Noida news, नोएडा। राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने एक ऐसी महिला को गिरफ्तार किया है जो खुद को आईएफएस अफसर बताकर पिछले तीन साल से पुलिस को बेवकूफ बना रही थी। आरोपी महिला पिछले करीब तीन साल से खुद को आईएफएस बताकर मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद सहित कई जिलों के पुलिस अधिकारियों को धोखा देकर वीआईपी सुविधा ले रही थी। यही नहीं वह अधिकारियों पर रौब गालिब कर सरकारी गनर और एस्कॉर्ट भी ले रही थी। गिरफ्तार महिला के विदेश में भी कनेक्शन होने की बात सामने आयी है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा है।
पीएम मोदी की जनसभा के दौरान ली थी दो पुलिस एस्कॉर्ट
पुलिस ने महिला के कथित पति निशांत को भी गिरफ्तार किया है। महिला का पति कानपुर में एक ज्वाइंट कमिश्नर का बेटा बताया गया है। जबकि महिला मेरठ के एक डॉक्टर की बेटी है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार महिला का नाम जोया खान है। वह मेरठ के डॉक्टर अयूब खान की बेटी है। वर्तमान में वह नोएडा में फ्लैट लेकर रह रही थी, नोएडा पुलिस ने ही उसे गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है हाल ही में मेरठ में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान भी इस फर्जी महिला अफसर ने दो पुलिस एस्कॉर्ट ले ली थी। इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक बतायी जा रही है। महिला के गिरफ्तार होने के बाद की गई पूछताछ में सामने आया कि उसे मेरठ समेत कई जिलों की पुलिस अफसर समझकर वीआईपी सुविधा देती थी।
एसएसपी नोएडा को हड़काया
जोया खान ने वीआईपी सुविधा न मिलने पर एसएसपी नोएडा को हड़काया था। शक होने पर एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने उसकी जांच करायी तो पूरा मामला सामने आ गया। पुलिस ने उसके नोएडा स्थित फ्लैट की तलाशी ली तो उसकी पोल खुलती चली गई। पुलिस ने जोया खान के फ्लैट से एप्पल के 4 लैपटॉप समेत अन्य सामान कब्जे में लिया है। नोएडा पुलिस ने मेरठ में भी छापेमारी कर जोया खान के घर से दो लग्जरी गाड़ी बरामद की हैं। परिजनों ने पुलिस को जोया खान द्वारा शादी नहीं किये जाने की बात बतायी गई, जबकि जोया ने निशांत के साथ कोर्ट मैरिज करने की बात पुलिस को बतायी।
PCS परीक्षा में फेल हुई तो बन गई फर्जी IFS अफसर
पुलिस ने जब जोया खान और उसके कथित पति निशांत से पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने 2007 में पीसीएस की परीक्षा दी थी, जिसमें वह सफल नहीं हो सके थे। जिसके बाद दोनों ने योजना बनाकर फर्जी आईएफएस बनकर रौब गालिब किया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को धोखा देने और उन पर विश्वास कायम करने के लिए इन्होंने अपने मोबाइल में कई एप डाउनलोड किए हुए थे। वाइस चेंजिंग और मोबाइल स्क्रीन पर सीयूजी नंबर दर्शाकर महिला अधिकारियों से बात करती थी।