योगेंद्र यादव ने लिखी अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी कहा-जनता की आशा जगाकर उसे तोड़ना बहुत बड़ा पाप
दिल्ली में एमसीडी चुनाव 2017 से ठीक एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक पुराने साथी और स्वराज अभियान के संस्थापक योगेंद्र यादव ने सीएम केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है।
नई दिल्ली। दिल्ली में एमसीडी चुनाव 2017 से ठीक एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक पुराने साथी और स्वराज अभियान के संस्थापक योगेंद्र यादव ने सीएम केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है।
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प्रिय
अरविन्द,
दो साल पहले दिल्ली ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था, वो किसी एक नेता या पार्टी का करिश्मा नहीं था। उसके पीछे हजारों वोलन्टीयर का त्याग और उनकी तपस्या थी। लेकिन इस करिश्मे का सबसे बड़ा कारण था दिल्ली की जनता का आत्मबल। जनलोकपाल आंदोलन से दिल्ली के लाखों नागरिकों को यह भरोसा दिलाया की वो बेचारे नहीं हैं। वो नेताओं, पार्टियों और सरकारों से ज्यादा ताकतवर हैं। आज मैं उस आत्मबल को डगमगाते हुए देख रहा हूँ। इसलिए पिछले दो साल में पहली बार आपसे संवाद कर रहा हूँ और आपको रामलीला मैदान में किए रिकॉल के वादे की याद दिल रहा हूँ।
पिछले महीने में मुझे दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के दौरान दिल्ली के कोने-कोने में जाने का मौका मिला। दिल्ली में चारों तरफ कूड़े के ढेर हैं, गंदा पानी रुका हुआ है, बदबूदार और खतरनाक हवा है। हर कोई जानता है की इसकी पहली जिम्मेवारी पिछले दस साल से एमसीडी पर राज कर रही बीजेपी की है। लेकिन फिर भी बीजेपी बेशर्मी से इस चुनाव में खड़ी है, वोट मांग रही है. ऐसे बहुत वोटर हैं जिन्होंने 2015 में ऐतिहासिक बदलाव के लिए वोट दिया था, लेकिन जो इस बार थक-हार के बीजेपी के पास वापिस जा रहे हैं। मैं पिछले महीने भर से सोच रहा हूँ कि इस निक्कमी और भ्रष्ट सरकार को चलने वाली बीजेपी को एमसीडी चुनाव में खड़े होने का मौका देने के लिए कौन जिम्मेवार है।
बहुत सोचने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पंहुचा हूँ कि दिल्ली की इस दुर्घटना के लिए व्यक्तिगत रूप से आप जिम्मेवार हैं। आपने दिल्ली की जनता का विश्वास तोड़ा है। विश्वास सिर्फ एक नेता या पार्टी से नहीं टूटा है। जनता का खुद अपने आप से विश्वास टूटा है -- आप से धोखा खाने के बाद उन्हें लगता है कि उन्हें अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है। इसलिए टूटे मन से बहुत लोग उन्ही पुरानी पार्टियों के पास जा रहे हैं जिन्हे उन्होंने दो साल पहले ख़ारिज कर दिया था। लोकतंत्र में जनता की आशा जगाकर उसे तोड़ना बहुत बड़ा पाप है। जनता के आत्मबल को कमजोर करना सबसे बड़ा अपराध हैं। मैं यह कहने को मजबूर हूँ कि अपने अहंकार, आत्म-मोह और कुर्सी के लालच में आपने यह अपराध किया है। ये सिर्फ मैं नहीं कहता, दिल्ली के हर मोहल्ले और गली में हर कोई ये कहता है। इस चुनाव प्रचार के दौरान आपने वोटर को जिस तरह लालच, डर और धमकी दीं है उसमे मुझे "विनाशकाले विपरीत बुद्धि" के लक्षण दिखाई देते हैं।
जाहिर है आप मुझसे सहमत नहीं होंगे। आपने बार-बार कहा है कि दिल्ली की जनता आपके साथ है। दिल्ली में रविवार को होने वाले एमसीडी के चुनाव को अपने अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता के रेफेरेंडम में बदल दिया है आपकी पार्टी सिर्फ आपके नाम पर वोट मांग रही है। होर्डिंग में पार्टी का नाम तक नहीं है। आपकी पार्टी ने एक इंटरनल सर्वे भी जारी किया है कि आपकी पार्टी को एमसीडी चुनाव में 218 सीटें लेकर जीत रही है।
मेरा एक प्रस्ताव है। अगर आपको इस चुनाव में तीनों एमसीडी में कुल मिलाकर बहुमत (यानि सिर्फ 137 सीटें) आ जाता है तो मैं यह मान लूँगा कि मेरी समझ गलत है और दिल्ली की जनता आपको धोखेबाज नहीं मानती। ऐसे में अगर केंद्र सरकार आपकी सरकार के खिलाफ कोई षडयंत्र करती है तो हमारी पार्टी और मैं खुद आपका समर्थन करेंगे। लेकिन अगर दिल्ली में 70 में से 67 सीट जीतने के दो साल में ही आप इस रेफेरेंडम में हार जाते हैं तो नैतिकता की मांग है कि आप ईवीएम जैसा कोई बहाना ना बनाएँ, मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दें और आपकी सरकार दिल्ली में 'रिकॉल' के सिद्धांत के अनुसार दुबारा जनता से विश्वास मत हासिल करे।
आशा है आपको रामलीला मैदान में कही अपनी ही बातें याद होंगी और आप इस चुनौती को स्वीकार करेंगे।
आपका
पुराना
साथी
योगेंद्र
यादव
पुनश्च: यह चिट्ठी चुनाव से पहले इसलिए जारी कर रहा हूं ताकि आपको ऐसा न लगे कि चुनाव परिणाम देखकर मौके का फायदा उठाया है।
2 साल में अरविंद को मेरा पहला पत्र,
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) April 22, 2017
अगर MCD चुनाव में आपकी पार्टी हारती है तो 'रिकाॅल' के सिद्धांत के अनुसार इस्तीफ़ा दें और दोबारा जनमत लें pic.twitter.com/XrQn8790tS