क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कौन हैं ई-रिक्‍शा चालक ब्रह्मदत्‍त और महिला कांस्टेबल सुनीता, कैलाश सत्यार्थी ने क्यों किया सम्मानित?

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 08 मार्च। अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्यार्थी ने बच्‍चों के जीवन को बदलने वाले ई-रिक्‍शा चालक ब्रह्मदत्‍त राजपूत और महिला पुलिस कांस्टेबल सुनीता को उनके साहस और बहादुरी के लिए सम्‍मानित किया है। ई-रिक्‍शा चालक ब्रह्मदत्‍त ने 2 लड़कियों को ट्रैफिकर के चंगुल से मुक्‍त कराया है। वहीं पश्चिमी दिल्‍ली में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात सुनीता ने पिछले 8 महीनों में 73 गुमशुदा बच्‍चों को उनके माता-पिता से मिलवाने का बेहतरीन काम किया है।

womens day kailash satyarthi honored police constable sunita and e rickshaw driver brahmbhatt

इस दौरान कैलाश सत्यार्थी ने कहा, ''ब्रम्हदत्त और सुनीता ने जो किया है वह अनुकरणीय है। उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और सही के लिए खड़े हुए। उन्‍होंने बच्चों को ट्रैफिकर के चंगुल से मुक्‍त किया। वे रोल मॉडल हैं। पीड़ितों की रक्षा कर उनका कद ऊंचा हो गया है। मेरे लिए आप असली हीरो हैं जो देशभर में हजारों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।'' ब्रह्मदत्‍त राजपूत के साहस की कहानी प्रेरणादायक है। ब्रह्मदत्‍त 5 मार्च को दिल्‍ली के विवेक विहार में बालाजी मंदिर के पास यात्रियों का इंतजार कर रहे थे। इतने ही में एक युवक 7 साल और 4 साल की दो बच्चियों को लेकर उनके ई-रिक्शा पर सवार हुआ और उसे चिंतामणि चौक पर छोड़ने को कहा। ब्रह्मदत्‍त को कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई। वह आदमी कचरे से भरे दो पॉलीबैग ले जा रहा था। दोनों बच्चियों ने उस आदमी से खाना उपलब्ध कराने के बाद उन्‍हें अपने घर छोड़ने के लिए कहा। तब ब्रह्मदत्‍त ने बच्चियों से पूछा कि क्या वे उस आदमी को जानती हैं? दोनों ने नहीं में जवाब दिया।

womens day kailash satyarthi honored police constable sunita and e rickshaw driver brahmbhatt

सजग और सतर्क ब्रह्मदत्‍त ने एक ट्रैफिक पुलिस के पास अपना रिक्शा मोड़ा और वस्‍तुस्थिति की उन्‍हें पूरी जानकारी दी। उसके बाद पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया। उसने लड़कियों का अपहरण भीख मंगवाने के उद्देश्‍य से किया था। उल्‍लेखनीय है कि दोनों बच्चियों को उनके मजदूर माता-पिता से मिला दिया गया है। ब्रम्हदत्त ने कहा कि वह श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा सम्मानित किए जाने के क्षण को संजो कर रखेंगे। ब्रम्हदत्त ने कहा, ''मैं बच्चों की मदद करना जारी रखूंगा और जरूरतमंद बच्चों की मदद करने के लिए अन्य ई-रिक्शा चालकों को भी एकजुट और जागरूक करूंगा।''

पश्चिमी दिल्‍ली में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात सुनीता ने अपने संकल्‍प, धैर्य, साहस और खोजी दस्‍ता की शैली में काम करने के अंदाज के कारण उन 73 गुमशुदा बच्‍चों को उनके माता-पिता से मिलवाने का उल्‍लेखनीय काम किया है, जिनके मिलने की कोई उम्‍मीद नहीं थी। पिछले महीने सुनीता ने विकासपुरी के एक सात साल के लड़के, मायापुरी की एक 13 साल की लड़की और कंजावाला के दो बच्चों का पता लगाया है।

womens day kailash satyarthi honored police constable sunita and e rickshaw driver brahmbhatt

सुनीता ने बताया कि गुमशुदा बच्‍चों के मामले की जांच के दौरान उन्‍होंने सुराग पाने के लिए माता-पिता/अभिभावकों से मुलाकात की। पूरी तरह से सीसीटीवी फुटेज और लीक से हटकर सोच पर भरोसा करने के कारण उन्‍हें बच्‍चों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद मिली है। दिल्‍ली पुलिस ने सुनीता को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की सिफारिश की है।

यह भी पढ़ें: Meenakshi Negi: हिमाचल की महिला टैक्सी ड्राइवर, लोगों को रोज कराती हैं पहाड़ों का सफर

Comments
English summary
womens day kailash satyarthi honored police constable sunita and e rickshaw driver brahmbhatt
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X