नालंदाः नाबालिग के साथ शादी करने और बच्चा पैदा करने के मामले में किशोर को किया रिहा
नालंदा। बिहार ने नालंदा जिले के बिहारशरीफ कोर्ट में जेजेबी के प्रधान न्यायायिक दण्डाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने एक बड़ा फैसला सुनाया है और इस फैसले के जरिये उन्होंने तीन जिंदगियों को बचा लिया। फैसले में नाबालिग किशोर को किशोरी को भगाकर शादी करने के मामले में राहत देते हुए रिहा कर दिया। बता दें कि दोनों नाबालिग की शादी के बाद एक बच्चा भी है, जिसे देख न्यायायिक दंडाधिकारी ने केवल तीन दिन में ही सुनवाई पूरी कर किशोर को रिहा कर दिया है। वहीं फैसले के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि सजा देने से तीन जिंदगियां बर्बाद हो सकती थीं।
दरअसल, यह मामला साल 2021 के 19 मार्च को किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा के सामने आया था। इस पर उन्होंने देरी करना सही नहीं समझा। उन्होंने सोमवार को यह फैसला सुनाया। बताया जा रहा है कि नाबालिग लड़की को भगा कर शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपित किशोर के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे। बावजूद इसके उन्होंने नाबालिग होने के बाद भगाकर शादी करने और फिर एक 6 माह के बच्चे के पिता बने किशोर को दोष मुक्त कर दिया।
इसके साथ ही नाबालिग पति-पत्नी को साथ रहने का फैसला सुनाया। ताकि उनके 6 माह के नवजात शिशु का पालन पोषण प्रभावित न हो। न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि सजा देने से तीन नाबालिग जिंदगी प्रभावित हो सकती थीं। यह पूरी घटना हिलसा थाना इलाके के एक गांव की है, जहां सरस्वती पूजा में शामिल होने गई किशोरी अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई थी। इसके बाद किशोरी के पिता ने साल 2019 में 11 फरवरी को गांव के ही एक किशोर पर अपहरण का मामला हिलसा थाने में दर्ज कराया था।
गांव से भागकर दोनों दिल्ली चले गए थे, जहां आरोपित किशोर अपनी मौसी के यहां रह रहा था। इसी बीच उसे पता चला कि किशोरी के पिता ने थाने में मामला दर्ज कराया है। इसके बाद वह गांव लौट आया। गांव लौटने की सूचना मिलते ही पुलिस आरोपित किशोर को न्यायालय के सुपुर्द किया, जहां से उसे सेफ्टी होम शेखपुरा भेज दिया गया।
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