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नालंदा का एक अस्पताल बना गौशाला, मरीजों के इलाज के बजाय रखा जाता है मवेशी और चारा

बिहार शरीफ़ मुख्यालय से महज 8 किमी दूर डुमरावां गांव का है। जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ग्रामीण विकास कार्य मंत्री श्रवण कुमार के गृह क्षेत्र का है।

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नालंदा, 30 मई 2022। अपने कारनामों को लेकर नालंदा ज़िला इन दिनों सुर्खियों में है। सियासी गलियारों से लेकर गांव की गलियों तक यहां के शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की चर्चा हो रही है। हर क्षेत्र में नालंदा जिला फिसड्डी साबित हो रहा है। ताज़ा मामला बिहार शरीफ़ मुख्यालय से महज 8 किमी दूर डुमरावां गांव का है। जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ग्रामीण विकास कार्य मंत्री श्रवण कुमार के गृह क्षेत्र का है। इस गांव में 5000 लोगों की आबादी के बीच में एक ही प्राथमिक स्वास्थ और उपकेंद्र है, और वह भी विभागीय लापरवाही की दंश झेल रहा है।

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नालंदा का एक अस्पताल बना गौशाला, मरीजों के इलाज के बजाय रखा जाता है मवेशी और चारा
स्वास्थ विभाग की अनदेखी की वजह जर्जर हुआ भवन

स्वास्थ विभाग की अनदेखी की वजह जर्जर हुआ भवन

डुमरावां गांव में करोड़ों रूपए की लागत से बना स्वास्थ केंद्र आज खुद ही अस्वस्थ महसूस कर रहा है। सरकार से बेहतरी के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन सरकार की तरफ़ इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो यह क़रीब 6 साल पहले बना था। गांव के लोगों को इस अस्पताल के ज़रिए ही स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। लेकिन स्वास्थ विभाग की अनदेखी की वजह से यहां के भवन जर्जर हो गए हैं। अब यहां इलाज कम मवेशी और उसका चारा रखने का काम ज्यादा होता है।

अस्पताल में रखा जाता है मवेशी और चारा

अस्पताल में रखा जाता है मवेशी और चारा

मवेशी और चारा रखने की वजह से से ग्रामीणों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहां के ग्रामीण बताते हैं कि चुनाव के वक्त नेताओं इस इलाके के विधायक सह बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार द्वारा आश्वासन दिया था कि जल्द ही इसे बना दिया जाएगा, लेकिन विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ गया है। फिलहाल एक एएनएम के सहारे जर्जर भवन में यह अस्पताल चल रहा है।

डॉक्टर अस्पताल में आते ही नहीं

डॉक्टर अस्पताल में आते ही नहीं

ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल में मौजूद नर्स सिर्फ़ सिर दर्द और बुखार की दवा देती है। इस अस्पताल में डॉक्टर आते ही नहीं हैं। वहीं इस मामले में अस्पताल में मौजूद एएनएम अंजनी कुमारी ने बताया कि यहां कोई सुविधा नहीं है, जरूरी चीजों के लिए हमें बाहर जाना पड़ता है। वहीं फिर कैमरा के सामने बोलने से परहेज़ करते हुए कहा कि कहीं कोई दिक्कत नहीं है।

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English summary
hospital became cowshed instead of treating patients, cattle and its fodder are kept
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