विजय माल्या का किंगफिशर हाउस बिका, नीलामी में 8 बार फेल होने के बाद जानिए किसने खरीदा
मुंबई, 14 अगस्त: देश के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का आखिरकार किंगफिशर हाउस बिक गया है। मुंबई के विले पार्ले में किंगफिशर हाउस को डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल की ओर से 9वें प्रयास में हैदराबाद स्थित सैटर्न रियल्टर्स को ₹52.25 करोड़ में बेच दिया गया है। किंगफिशर हाउस कभी माल्या के स्वामित्व वाली अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस का मुख्यालय था, जिस पर कथित तौर पर लगभग ₹9,000 करोड़ की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
सैटर्न रियल्टर्स ने इस सौदे के लिए महाराष्ट्र सरकार को स्टांप शुल्क के रूप में ₹2.612 करोड़ का भुगतान किया। यह सौदा पिछले महीने 31 जुलाई को दर्ज किया गया था। मुंबई हवाई अड्डे के बाहर 2401.70 वर्ग मीटर की यह संपत्ति 2016 से नीलामी के लिए तैयार थी। डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल, बेंगलुरु की ओर से इस प्रॉपर्टी को बेचने के लिए पहले भी नीलामी हो चुकी है, लेकिन 8 बार नीलामी फेल हुई थी। प्रॉपर्टी की कीमत 135 करोड़ करोड़ रुपये रिजर्व रखी गई थी, लेकिन बिक्री भाव अपने रिजर्व प्राइस 135 करोड़ रुपए का लगभग एक तिहाई है।
एक रियल एस्टेट रिसर्च फर्म, लियासेस फोरास के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कम दरों के लिए इसके स्थान और बाजार की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया। कपूर ने कहा कि ऊंचाई प्रतिबंधों के कारण इस भूखंड में बहुत अधिक विकास की संभावना नहीं है, क्योंकि यह हवाई अड्डे के करीब है। इसके अलावा, बाजार की स्थिति खराब है।
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बता दें कि वित्तीय संकट में फंसने के बाद 20 अक्टूबर 2012 को किंगफिशर एयरलाइंस को बंद कर दिया गया था। माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और उन्हें लोन में चूक करने और बैंकों को कथित रूप से धोखा देने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। माल्या यूनाइटेड किंगडम भाग गया और भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए कई मोर्चों पर लड़ रहा है। वह अप्रैल 2019 में गिरफ्तारी के बाद से ब्रिटेन में प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है।