Aryan Khan case: जिस WhatsApp chat को बनाया तगड़ा सबूत,वही बनी सबसे कमजोर कड़ी
मुंबई, 27 मई: क्रूज ड्रग्स केस में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 'पर्याप्त सबूतों के अभाव' क्लीन चिट मिल गई है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने जिस व्हाट्सएप चैट को सबसे मजबूत सबूत माना था, वही कानूनी साक्ष्य के तौर पर फेल गया। इस मामले में एनसीबी के प्रमुख ने जो कुछ बताया है, उससे एजेंसी की कमजोरियां उजागर हुई हैं। क्योंकि, व्हाट्सएप चैट के अलावा आर्यन खान के खिलाफ एजेंसी कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई और इसी वजह से उन्हें आखिरकार क्लीनचिट देना पड़ गया। क्योंकि, एनडीपीएस ऐक्ट में संभावनाओं का सिद्धांत लागू नहीं होता।
आर्यन खान के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले-एनसीबी
शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स ऑन क्रूज केस में क्लीन चिट दे दी है। एनसीबी ने इस मामले में 6,000 पन्नों की जो चार्जशीट दायर की है, उसमें 14 लोगों को आरोपी बनाया है। यह मामला पिछले साल अक्टूबर में मुंबई के पास क्रूज शिप पर उजागर हुआ था। लेकिन, अब आरोपियों की लिस्ट में 23 साल के आर्यन खान का नाम नहीं शामिल किया गया है। एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी संजय कुमार सिंह के बयान के मुताबिक, 'सभी आरोपियों के पास से नारकोटिक्स बरामद की गई, सिर्फ आर्यन और मोहक को छोड़कर।' उन्होंने बताया कि एजेंसी आर्यन खान और पांच अन्य के पास से पर्याप्त सूबत नहीं जुटा सकी।
व्हाट्सएप चैट की भौतिक पुष्टि होनी चाहिए-एनसीबी चीफ
इस मामले में एनसीबी चीफ एसएन प्रधान ने माना है कि एजेंसी से शुरुआती जांच में 'अनिमियताएं' हुईं हैं। उन्होंने चूक के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी बात कही है। उन्होंने कहा है, 'व्हाट्सएप चैट की भौतिक पुष्टि होनी चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अकेले व्हाट्सएप चैट की कोई वैल्यू नहीं है। व्हाट्सएप पर कुछ भी बातें कर सकते हैं, लेकिन अगर भौतिक साक्ष्यों से उसकी पुष्टि नहीं हो पाती, तो यह पर्याप्त साक्ष्य नहीं है।' उन्होंने कहा कि 'एनडीपीएस ऐक्ट में प्राबल्य और संभावना का सिद्धांत लागू नहीं होता। वह संदेह से परे होना चाहिए, हम ऐसे साक्ष्य नहीं तलाश पाए।'
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तीन हफ्ते से ज्यादा समय जेल में रहे आर्यन खान
ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी के बाद आर्यन खान को तीन हफ्ते से ज्यादा समय जेल में गुजारने पड़े थे। जब तक वे जेल में रहे, यह खबर मीडिया की सुर्खियों में रही और सोशल मीडिया दो खेमों में बंटा नजर आया। शुरू में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दावा किया था कि आर्यन खान ड्रग्स का अक्सर इस्तेमाल करते हैं और सप्लाई भी करते हैं। एनसीबी के इन दावों पर महाराष्ट्र की राजनीति भी गर्मा गई थी।
स्पेशल कोर्ट ने भी एनसीबी के दावों पर उठाए थे सवाल
हालांकि, अभिनेता के बेटे और उनके वकीलों का लगातार यह दावा रहा है कि उनपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और छापेमारी के दौरान उनके पास से कोई ड्रग्स नहीं मिली है। स्पेशल कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान एनसीबी की दलीलों पर सवाल उठाया था कि सिर्फ व्हाट्सएप संदेशों पर इतने गंभीर आरोपों को लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता।
इस केस की वजह से विवादों में आए समीर वानखेड़े
शुरू में एनसीबी के वरिष्ठ अधिकार समीर वानखेड़े इस केस को देख रहे थे, लेकिन उनपर जानबूझकर आर्यन खान को टारगेट करने और आरोपियों के ब्लैकमेल की कोशिश के आरोपों के बाद इस मामले से हटा दिया गया था। इसके बाद इस केस को मुंबई की टीम से लेकर एनसीबी की दिल्ली की टीम को सौंप दिया गया था। मार्च में एनसीबी समय पर जब चार्जशीट दायर करने में नाकाम रही तो अदालत ने उसे दो महीने की मोहलत दी थी।