घर वापसी के बाद अब महाराष्ट्र में व्यापक स्तर पर होगा धर्मपरिवर्तन, हजारों बनेंगे बौद्ध
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। महाराष्ट्र में घर वापसी के जवाब में होमकमिंग शुरू हो रही है। आप सारा मसला समझ गए होंगे। दरअसल सत्यशोधक ओबीसी परिषद ने कहा है कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े एक हजार से ज्यादा परिवारों को अगले साल की शुरुआत में बौद्ध धर्म में शामिल कराएगा।
धर्मांतरण में रजामंदी
परिषद ने दावा किया है कि सैकड़ों मराठा और कुछ ब्राह्मण परिवारों ने इस धर्मांतरण में हिस्सा लेने में रजामंदी जताई है, जिससे कुल लोगों की संख्या बढ़कर करीब 6,500 पहुंच गई है।
घर वापसी या होमकमिंग
परिषद ने इस मुहिम को घर वापसी या होमकमिंग का नाम दिया है, जो विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के उस कार्यक्रम की तरह है, जिसमें मुस्लिमों का धर्मांतरण कर उन्हें हिंदू धर्म में लाने पर जोर दिया जा रहा है। सत्यशोधक ओबीसी परिषद के प्रेजिडेंट हनुमंत उप्रे ने दावा किया है कि हमारी लिस्ट में 1,677 परिवार ऐसे हैं, जो बौद्ध धर्म अपनाने को तैयार हैं। इस लिस्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग की अलग-अलग जातियों से लेकर मराठा और ब्राह्मण तक शामिल हैं।'
मुस्लिम परिवार भी
परिषद ने दावा किया कि अहमदनगर जिले में रहने वाले 50 से ज्यादा ईसाई, तीन मुस्लिम और तीन ब्राह्मण परिवार बौद्ध धर्म अपनाने के लिए तैयार हैं। इन लोगों का कहना है कि परिषद ने ही इस प्रोग्राम को ओबीसी की घर वापसी नाम दिया था, क्योंकि इसका मानना है कि पिछड़े वर्ग से जुड़े सभी लोग सम्राट अशोक के वंशज हैं। उन्होंने कहा, 'हम लगातार यह मांग कर रहे हैं कि अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े लोगों को उनके अधिकार दिए जाएं।
वह हिंदू धर्म की परंपराओं का लगातार अनुसरण कर रहे हैं, जबकि धार्मिक नेताओं ने उन्हें कभी भी पूरे दिल से स्वीकार नहीं किया है।' उप्रे ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग को दिया जाने वाला आरक्षण धीरे-धीरे घट रहा है, क्योंकि मराठा ओबीसी कम्युनिटीज में अतिक्रमण कर रहे हैं।