मेरठ के बाजारों में क्यों शॉर्टेज है ऑक्सीजन और दवाइयों की, पढ़ें ये रिपोर्ट
मेरठ, अप्रैल 30: बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश के शहरों में हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन और दवाइयों को लेकर भी संकट बढ़ता जा रहा है। हालांकि, बेड्स और ऑक्सीजन का संकट पहले बढ़े शहरों तक था। लेकिन अब छोटे शहरों में भी यही हाल है। कोरोना मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में लोग संघर्ष कर रहे हैं। मेरठ जिले में ऑक्सीजन की ऐसी किल्लत क्यों हो गई है, उसपर मेडिकल संचालक राजन शेट्टी बताते हैं कि मुझे तकरीबन 23 साल इस लाइन में हो गए। लेकिन पहली बार में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार देख रहा हूं। सच्चाई तो यह है कि जिन्हें आवश्यकता ही नहीं है, वह लोग भी ऑक्सीजन के सिलेंडर अपने घरों में स्टॉक कर रहे हैं और जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है उन्हें यह मिल नहीं पा रहा है।
वहीं, मेरठ के राजन शेट्टी के मुताबिक, यही हाल ऑक्सीमीटर का भी है जिन्हें जरूरत नहीं है वह भी घर, दफ्तर में ऑक्सीमीटर रख रहे हैं। जिसकी वजह से ऑक्सीमीटर की कीमतों में उछाल आया है। अगर लोग स्टोर करना बंद करें, तो कुछ हदतक राहत मिल सकती है। मेरठ के ही अग्रवाल ऑक्सीजन प्लांट पर तैनात अधिकारी बताते हैं कि जो घरों में इलाज करवा रहे हैं, यहां उनके लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर अधिकारी का कहना है कि हम सिर्फ उसे ही ऑक्सीजन दे रहे हैं, जो कोविड की रिपोर्ट और डॉक्टर की पर्ची लेकर आ रहा है।
दवाइयां
भी
जमा
कर
रहे
हैं
लोग
इतना
ही
नहीं,
मेडिकल
स्टोरों
पर
भी
दवाइयों
को
लेकर
मारामची
हुई
है।
हालांकि,
प्रदेश
सरकार
भले
ही
किसी
भी
तरह
की
कमी
ना
होने
का
दावा
कर
रही
है,
लेकिन
यहां
भी
लोग
ऑक्सीजन,
दवाई
के
लिए
संघर्ष
कर
रहे
हैं।
इसका
बड़ा
कारण
ये
है
कि
लोगों
ने
पहले
से
ही
अपने
घर
के
लिए
दवाई,
ऑक्सीजन
रख
लिए
हैं।