मथुरा के गोवर्धन में हाईटेंशन तारों में फंसा पैराग्लाइडर, पायलट के साथ एक महिला भी थी सवार
उत्तर प्रदेश के मथुरा में देश और विदेश से वृंदावन में धार्मिक यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु पर्यटक यहां एडवेंचर का भी लुत्फ उठाते हैं। मोटर पैराग्लाइडिंग कर हवा में रोमांच की उड़ान भरने के साथ ही धार्मिक यात्रा को मनोरंजक और अविस्मरणीय बनाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु-पर्यटक इस एडवेंचर का भरपूर आनंद लेते हैं। इस एडवेंचर में खतरा भी भरपूर होता है, हाल ही में पैराग्लाइडिंग के दौरान एक बड़ा हादसा होने से टल गया। जानकारी अनुसार बिना अनुमति के उड़ रहा एक पैराग्लाइडर हाईटेंशन बिजली के तारों में फंस गया। हादसे के वक्त पैरा ग्लाइडर में पायलट के साथ एक महिला भी बैठी थी।
हाई
टेंशन
तारों
में
नहीं
था
करंट
दरअसल
उत्तर
प्रदेश
के
मथुरा
जिले
में
बिना
अनुमति
के
उड़
रहा
पैराग्लाइडर
हाईटेंशन
बिजली
के
तारों
में
फंस
गया।
बड़ा
हादसा
होने
से
तो
टल
गया
क्योंकि
गनीमत
रही
कि
तारों
में
बिजली
का
करंट
नहीं
था।
लेकिन
उसमे
सवार
पायलट
और
महिला
को
मामूली
चोटें
जरूर
आई
हैं।
दोनों
को
उपचार
के
लिए
अस्पताल
ले
जाय
गया
है।
घटना
का
खुलासा
तब
हुआ
जब
हादसे
का
एक
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
हो
गया।
मथुरा
जिले
के
गोवर्धन
क्षेत्र
में
सकरवा
रोड
पर
एक
नवनिर्मित
बाईपास
के
पास
हाईटेंशन
बिजली
के
तार
से
टकरा
जाने
पर
बस
दोनों
को
मामूली
छोटे
ही
आईं।
एक
पायलट
और
एक
महिला
यात्री
पैराग्लाइडर
में
सवार
थे।
दुर्घटना
के
तुरंत
बाद
बाईपास
पर
वाहनों
की
रोक
दिया
गया।
कथित
तौर
पर
पैराग्लाइडर
पिछले
दो
दिनों
से
बिना
किसी
अनुमति
के
एक
निजी
कंपनी
द्वारा
उड़ाया
जा
रहा
था।
घटना
कथित
तौर
पर
पैराग्लाइडिंग
पायलट
की
लापरवाही
के
कारण
हुई।
हमेशा
बना
रहता
है
खतरा
सर्दियों
के
मौसम
में
सुबह
कोहरा
छंटने
के
बाद
से
शुरु
होकर
शाम
सूरज
ढ़लने
तक
यहां
पैराग्लाइडिंग
होती
है।
मोटर
पैराग्लाइडिंग
में
पायलट
के
साथ
एक
व्यक्ति
ही
एडवेंचर
का
मजा
ले
सकता
हैं
और
ग्लाइडर
की
उड़ान
की
जमीन
से
करीब
400-500
फीट
होती
है।
इसके
साथ
ही
पैराग्लाइडर
से
भी
पूछ
लिया
जाता
है
कि
वे
कितनी
ऊंचाई
तक
इस
एडवेंचर
का
आनंद
लेना
पसंद
करेंगे
और
इनकी
इच्छा
के
अनुसार
ही
पैराग्लाइडिंग
कराई
जाती
है।
इसके
साथ
ही
पैराग्लाइडिंग
करने
वाले
व्यक्ति
का
वजन
भी
अंडर
100
किलोग्राम
होना
चाहिए।
बताया
तो
यह
जाता
है
कि
मोटर
पैराग्लाइडिंग
में
डरने
या
जान
के
जोखिम
का
कोई
खतरा
नहीं
है।
यदि
उड़ते
समय
इंजन
बंद
भी
हो
जाए
तो
खतरे
की
कोई
बात
नहीं
होती
क्योंकि
उसमे
लगा
पैराशूट
पैराग्लाइडर
का
धीरे-धीरे
हवा
के
साथ
नीचे
लाती
है।
लेकिन
क्या
हो
अगर
पायलट
ही
लापरवाही
कर
दे
तो?,
जैसा
की
घटना
में
देखा
गया
है।
प्रशासन
को
भी
इसकी
जिम्मेदारी
लेनी
चाहिए
और
आगे
ऐसी
कोई
घटना
हो
यह
सुनिश्चित
करना
चाहिए।
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