कोरोना वायरस: बाजार में नहीं मिले तो मथुरा की जेल में ही बनने लगे मास्क, इन्हें बंदियों को बांटेंगे, VIDEO
मथुरा. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जिला कारागार में बंदियों के लिए मास्क बनाए जा रहे हैं। इस जेल परिसर में क्षमता से 3 गुना अधिक बंदी बंद हैं। बीते रोज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से ही प्रशासनिक स्तर पर कोरोना से निपटने के इंतजाम तेज कर दिए गए हैं। शहर के कारागार में भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सिलाई यूनिट में मास्क तैयार किए जा रहे हैं।
Recommended Video
बाहर
मिल
नहीं
पा
रहे,
इसलिए
जेल
में
ही
मास्क
बन
रहे
जेल
प्रबंधन
से
प्राप्त
जानकारी
के
मुताबिक,
जो
मास्क
बन
रहे
हैं,
वे
बंदियों
और
बंदियों
से
मुलाकात
करने
वाले
लोगों
को
दिए
जाएंगे,
ताकि
किसी
भी
प्रकार
का
संक्रमण
एक-दूसरे
बंदियों
और
मुलाकात
करने
वालों
में
न
फैले।
वरिष्ठ
जेल
अधीक्षक
शैलेंद्र
मैत्रेय
ने
बताया
कि
बाहर
मास्क
मिल
नहीं
पा
रहे।
इसी
वजह
से
हमने
जेल
के
सिलाई
यूनिट
में
स्वयं
मास्क
तैयार
करने
का
सोचा
और
सिलाई
यूनिट
में
मास्क
तैयार
कराए
जाने
लगे।
कई
जगहों
पर
मास्क
कोरोना
वायरस
के
संक्रमण
को
से
बचाव
के
लिए
बनाए
जा
रहे
हैं।
उसी
तरह
हमने
जेल
में
इनका
इंतजाम
करने
की
सोची
है।
ये
मास्क
बंदियों
और
उनसे
मुलाकात
करने
वाले
लोगों
को
दिए
जाएंगे,
ताकि
संक्रमण
न
फैल
सके।
सरकारी हुकुम- तो होगी 7 साल जेल
वहीं, अब यह सरकारी आदेश भी आ चुके हैं कि, मास्क की कालाबाजारी पर 7 साल की सजा मिलेगी। कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते असर को देखते हुए यह कदम शुक्रवार को उठाया गया था। साथ ही, एन 95 मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, ताकि इनकी कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके। इस कदम के बाद केंद्र और राज्य कोरोना वायरस के बचाव के काम में आने वाली इन चीजों के उत्पादन, गुणवत्ता और डिस्ट्रिब्यूशन को नियंत्रित कर सकेंगे।