Shivaji Controversy: राज्यपाल के समर्थन में उतरीं फडणवीस की पत्नी, कहा-'वे दिल से मराठी हैं'
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से शिवाजी पर दिए बयान की वजह से सियासी घमासान जारी है। बाला साहब ठाकरे, शिंदे गुट व उद्धव गुट के अलावा भाजपा के स्थानीय नेताओं की तरफ से भी राज्यपाल को बाहर भेजने की मांग की जा रही है। लेकिन इसी बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता राज्यपाल कोश्यारी के सपोर्ट में आ गईं हैं। इसके लिए चलते राज्य सरकार भी दुविधा में पड़ गई है कि आखिर इस मामले को शांत कैसा किया जाए?
राज्यपाल
के
समर्थन
में
अमृता
ने
दिया
ये
बयान
राज्यपाल
कोश्यारी
के
समर्थन
में
बयान
जारी
करते
हुए
अमृता
ने
कहा
कि
मैं
उन्हें
व्यक्तिगत
रूप
से
जानती
हूं।
उन्होंने
महाराष्ट्र
आने
के
बाद
मराठी
सीखी।
वह
वास्तव
में
मराठी
से
प्यार
करते
हैं।
मैंने
खुद
इसका
अनुभव
किया
है।
लेकिन
ऐसा
कई
बार
हुआ
है
कि
उन्होंने
मराठी
में
कुछ
कहा
है
और
उसका
अर्थ
कुछ
और
निकल
गया
है।
बावजूद
मैं
यह
कह
सकती
हूं
कि
वह
दिल
से
एक
मराठी
मानूस
हैं।
उद्धव
ठाकरे
भी
राज्यपाल
को
बाहर
भेजने
की
कर
चुके
हैं
मांग
शिवसेना
के
दो
गुटों
में
से
एक
का
नेतृत्व
करने
वाले
उद्धव
ठाकरे
ने
भी
राज्यपाल
को
बाहर
भेजने
की
मांग
की
थी।
गुरुवार
को
उन्होंने
एक
बयान
जारी
करते
हुए
कहा
कि
अमेज़न
के
माध्यम
से
महाराष्ट्र
में
केंद्र
की
तरफ
से
पार्सल
भेजा
गया
है।
ऐसे
में
इसे
वापस
लेना
चाहिए।
वहीं,
उन्होंने
केंद्र
सरकार
को
धमकी
देते
हुए
कहा
कि
अगर
उन्हें
वापस
नहीं
बुलाया
जाता
है
तो
उनकी
पार्टी
विरोध
प्रदर्शन
भी
करेगी।
इसके
अलावा
उद्धव
गुट
के
नेता
और
सांसद
संजय
राउत
भी
आज
एनसीपी
नेता
शरद
पवार
से
मिले
थे।
इस
दौरान
उन्होंने
पवार
से
प्रोटेस्ट
को
लेकर
भी
चर्चा
की।
कोश्यारी
ने
शिवाजी
पर
किया
था
ये
कमेंट
बीते
दिनों
राज्यपाल
कोश्यारी
ने
केंद्रीय
मंत्री
और
भाजपा
नेता
नितिन
गडकरी
व
राकांपा
नेता
शरद
पवार
को
सम्मानित
करने
के
लिए
आयोजित
एक
समारोह
में
शिवाजी
पर
विवादित
टिप्पणी
कर
दी
थी।
उन्होंने
कहा
कि
पहले
जब
पूछा
जाता
था
कि
आपके
आइकन
कौन
हैं,
तो
लोगों
का
जवाब
होता
था-महात्मा
गांधी,
जवाहर
लाल
नेहरू,
सुभाष
चंद्र
बोस।
वहीं,
महाराष्ट्र
में
आइकन
को
लेकर
उन्होंने
कहा
कि
शिवाजी
पुराने
दिनों
के
हैं।
अब
महाराष्ट्र
के
आइकन
गडकरी
और
भीमराव
अंबेडर
हैं।
कोश्यारी
के
इस
बयान
को
लेकर
विवाद
खड़ा
हो
गया
है।
स्थानीय
नेताओं
की
तरफ
से
आरोप
लगाते
हुए
कहा
जा
रहा
है
कि
उन्होंने
महाराष्ट्र
के
लोगों
का
अपमान
किया
है।
राज्यपाल
को
महाराष्ट्र
की
समझ
नहीं
है।
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