संजय राउत को अपने भाई से ही लग सकता है झटका! बड़ा कदम उठा सकते हैं सुनील राउत
मुंबई, 26 जून: शिवसेना का सियासी ड्रामा अब घर में भी घुसपैठ कर रहा है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस बार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ग्रुप के सबसे सक्रिय नेता संजय राउत को अपने ही घर में झटका लगने की आशंका पैदा हो गई है। उनके भाई सुनील राउत के गुवाहाटी में कैंप कर रहे बागी गुट के विधायकों के साथ संपर्क में होने की बात सामने आ रही है। अगर बात बन गई तो सुनील राउत भी उद्धव कैंप छोड़कर विरोधी खेमे के नाव में सवार हो सकते हैं।
संजय राउत को अपने भाई से ही लग सकता है झटका
महाराष्ट्र में जारी सियासी नाटक के बीच शिवसेना के बड़बोले प्रवक्ता संजय राउत को लेकर बड़ी खबर है। जानकारी के मुताबिक शिवसेना सांसद संजय राउत के भाई सुनील राउत भी बागी नेता एकनाथ शिंदे कैंप के संपर्क में हैं। सीएनएन-न्यूज18 ने एकनाथ शिंदे के करीबी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि सुनील राउत भी बागी विधायकों के खेमें में शामिल होना चाहते हैं। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में ही बागी विधायकों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर रखा है।
मंत्री नहीं बनाए जाने से सुनील राउत नाराज-रिपोर्ट
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सुनील राउत को लगता है कि 2019 में एमवीए गठबंधन सरकार में उन्हें मंत्री पद न देकर उन्हें ठगा गया है। जानकारी के मुताबिक सुनील लगातार दो दिनों से बागी गुट से संपर्क में हैं। हालांकि, जानकारी के मुताबिक बागी विधायकों का एक तबका उन्हें अपने साथ लेने के लिए तैयार नहीं है, जिसके चलते इसपर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि अपने भाई को मंत्री बनाने के लिए संजय राउत भी कई बार कोशिशें कर चुके हैं। राउत को उम्मीद थी कि जिस तरह से उन्होंने एमवीए सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनके भाई को उसका लाभ जरूर मिलेगा।
एक और बागी मंत्री शिंदे कैंप में हुए शामिल
संजय राउत के भाई को लेकर आ रही यह खबर, उद्धव सरकार के लिए बहुत ही बड़ा झटका है। क्योंकि, बागी विधायकों की वजह से यह पहले से ही हवा में झूल रही है और इसके किसी भी समय में गिरने की नौबत आ चुकी है। क्योंकि, बागी गुट का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को इसमें एक और मंत्री उदय सामंत भी शामिल हो गए हैं। इस तरह से एमवीए सरकार के 9 मंत्री अभी तक एकनाथ शिंदे को साथ देने के लिए गुवाहाटी में डेरा डाल चुके हैं। ये सारे मंत्री मुख्यमंत्री के अपनी ही पार्टी के हैं।
राउत ने एक बार फिर दी है बागियों को चुनौती
इससे पहले संजय राउत ने रविवार को बागियों को चुनौती दी कि वह एमएलए से इस्तीफा देकर ताजा चुनाव जीतकर दिखाएं। इस मुद्दे पर बार-बार दो कदम आगे और चार कदम पीछे खींचने वाले राउत ने यह भी कहा कि जो विधायक वापसी करना चाहते हैं, उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हुए हैं। उन्होंने एकबार फिर दावा किया है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार मौजूदा संकट से बाहर निकल आएगी। उन्होंने कहा, 'बागियों को मेरी खुली चुनौती है कि इस्तीफा दें और फ्रेश मैंडेट लेकर आएं। पहले छगन भुजबल, नारायण राणे और उनके समर्थकों ने सेना एमएलए से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टियां ज्वाइन की थी।'
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बागी किसी भी सूरत में झुकने को नहीं है तैयार
एकनाथ शिंदे इस समय असम की गुवाहाटी में 40 से ज्यादा शिवसेना और निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर डटे हुए हैं। शिवसेना का कहना है कि उसने 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की कार्यवाही शुरू करवा दी है, इसके लिए उन्हें नोटिस थमा दिया गया है। इस बीच शिंदे कैंप ने अदालत की राह पकड़ ली है और उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है।