'पेगासस खरीदने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों को इजरायल भेजा', बॉम्बे HC में जनहित याचिका
मुंबई, 5 अगस्त: पिछले महीने से पेगासस मामला गरमाया हुआ है, जहां रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर को खरीदने के लिए 2019 में कुछ अधिकारियों को इजरायल भेजा था। हाईकोर्ट ने भी याचिका को स्वीकार करते हुए मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Recommended Video
याचिका में कहा गया कि सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) के वरिष्ठ अधिकारियों को 2019 में अध्ययन दौरे के लिए महाराष्ट्र सरकार ने इजरायल भेजा। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य पेगासस जैसे सॉफ्टवेयर को खरीदना था, ताकि लोगों की जासूसी करवाई जा सके। याचिका में मांग की गई कि इस अधिकारिक दौरे की मंजूरी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ न्यायिक जांच के आदेश दिए जाएं।
पेगासस पर रार: BJP ने कहा- हम चर्चा के लिए तैयार, जासूसी के कोई सबूत नहीं
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया। साथ ही गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। साथ ही कहा कि इस स्पाईवेयर का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। जिस पर याचिककर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता तेजस दांडे ने कहा कि उनकी याचिका सिर्फ राज्य सरकार और उसके अधिकारियों के खिलाफ है। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने डीजीआईपीआर और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
हाल
में
जारी
हुई
पेगासस
रिपोर्ट
आपको
बता
दें
कि
पिछले
महीने
कई
मीडिया
ग्रुप्स
ने
मिलकर
पेगासस
प्रोजेक्ट
नाम
से
रिपोर्ट
जारी
की
थी।
जिसमें
दावा
किया
गया
कि
भारत
में
300
से
ज्यादा
लोगों
के
फोन
की
जासूसी
करवाई
गई।
जिसमें
नेता,
अधिकारी,
पत्रकार
आदि
शामिल
हैं।
हालांकि
बीजेपी
और
केंद्र
सरकार
लगातार
इन
आरोपों
से
इनकार
कर
रही
है।
वहीं
दूसरी
ओर
विपक्ष
मामले
में
संयुक्त
संसदीय
समिति
से
जांच
की
मांग
कर
रहा
है।