महाराष्ट्र: ट्रांसफर आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे परमबीर, आरोपों पर गृहमंत्री देशमुख ने दी सफाई
मुंबई: एंटीलिया कार केस की गुत्थी तो अभी नहीं सुलझ पाई लेकिन इसने महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा दिया है। एक ओर बीजेपी पूर्व कमिश्नर के बयान के आधार पर गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांग रही, तो वहीं दूसरी ओर एनसीपी और सहयोगी दल उनका बचाव कर रहे हैं। विवाद बढ़ता देख खुद देशमुख ने भी मामले में सफाई दी है। वहीं सोमवार को अपने ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। साथ ही पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की।
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दरअसल शरद पवार ने देशमुख को क्लिनचिट देते हुए फरवरी में उनके अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा दिखाया। इस पर तुरंत बीजेपी ने सवाल उठाए कि अगर वो अस्पताल में थे, तो 15 फरवरी को कैसे प्रेस कॉन्फ्रेंस की? इस पर देशमुख ने भी चुप्पी तोड़ी और कहा कि 15 फरवरी को जब मैं अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ तो बहुत से मीडिया वाले मेरा इंतजार कर रहे थे। उस दौरान मुझे कमजोरी महसूस हो रही थी, जिस वजह से मैं कुर्सी पर बैठा और उनके सवालों का जवाब दिया। इसके बाद मैं घर चल गया। फिर 15 से 17 फरवरी तक होम क्वारंटीन रहा। जब 28 फरवरी को आराम हो गया तो मैं दोबारा घर से बाहर निकला।
उद्धव ठाकरे से मिलेंगे कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट-अशोक चव्हाण, परमबीर सिंह के आरोपों पर होगी बात
परमबीर
सिंह
ने
रखी
ये
मांग
वहीं
सोमवार
को
मुंबई
पुलिस
के
पूर्व
कमिश्नर
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंच
गए।
वहां
पर
उन्होंने
होम
गार्ड
डिपार्टमेंट
में
अपने
ट्रांसफर
को
चुनौती
दी।
साथ
ही
उन्होंने
जो
आरोप
महाराष्ट्र
के
गृहमंत्री
अनिल
देशमुख
पर
लगाए
हैं,
उस
मामले
में
सीबीआई
जांच
की
मांग
की।
परमबीर
को
डर
है
कि
कहीं
सरकार
उन्हें
सस्पेंड
ना
कर
दे,
ऐसे
में
उन्होंने
कोर्ट
से
गुहार
लगाई
कि
वो
सीएम
उद्धव
को
कोई
कार्रवाई
ना
करने
का
आदेश
दें।
पवार
ने
की
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
मीडिया
से
बात
करते
हुए
पवार
ने
कहा
कि
फरवरी
2021
के
महीने
में
देशमुख
अस्पताल
में
भर्ती
थे।
ऐसे
में
फरवरी
में
अनिल
देशमुख
और
सचिन
वाजे
के
बीच
बातचीत
नहीं
हुई
होगी,
ये
आरोप
बिल्कुल
गलत
है।
जिस
वजह
से
देशमुख
इस्तीफा
नहीं
देंगे।
उन्होंने
कहा
कि
ये
आरोप
असली
मुद्दे
से
ध्यान
भटकाने
की
साजिश
है।