मनी लॉन्ड्रिंग केस: देशमुख की जमानत याचिका 8 महीने लंबित रहने से SC नाखुश, एक हफ्ते में निपटारे का आदेश
नई दिल्ली, 26 सितंबर: मनी लॉन्ड्रिंग मामले महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख की जमानत याचिका काफी वक्त से लंबित पड़ी है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट को इस हफ्ते के अंत तक इस याचिका पर फैसला लेने का निर्देश दिया। देशमुख को नवंबर 2021 में ईडी ने गिरफ्तार किया था। करीब 8 महीने से उनकी याचिका हाईकोर्ट में लंबित पड़ी है। हाईकोर्ट में जस्टिस एनजे जमादार देशमुख के मामले की सुनवाई कर रहे।
मामले में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि देशमुख की जमानत याचिका 21 मार्च से हाईकोर्ट में लंबित है। कोई भी व्यक्ति जिसने जमानत याचिका दायर की है, उसकी उम्मीद रहती है कि उसकी याचिका का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा। जमानत के लिए आवेदन को लंबित रखना अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के अनुरूप नहीं है। ऐसे में वो हम एक निर्देश जारी करते हैं और याचिकाकर्ता को उस जज के सामने आवेदन करने की अनुमति देते हैं, जिसे मामला सौंपा गया है। इसके अलावा इस हफ्ते के अंत तक इस पर फैसला हो जाए।
क्या
हैं
आरोप?
एंटीलिया
केस
में
जब
सचिन
वाजे
की
गिरफ्तारी
हुई,
तो
तत्कालीन
राज्य
सरकार
ने
मुंबई
के
कमिश्नर
परमबीर
सिंह
का
भी
तबादला
कर
दिया।
इसके
बाद
सिंह
ने
अनिल
देशमुख
के
खिलाफ
मोर्चा
खोल
दिया।
उन्होंने
आरोप
लगाया
था
कि
देशमुख
ने
वाजे
को
मुंबई
के
पब,
बार,
रेस्टोरेंट
आदि
से
100
करोड़
की
वसूली
का
टारगेट
दिया
था।
इस
मामले
की
जांच
जब
सीबीआई
को
ट्रांसफर
की
गई
तो
इसमें
मनी
लॉन्ड्रिंग
का
भी
मामला
सामने
आया।
जिसके
बाद
जांच
में
ईडी
की
भी
एंट्री
हुई।
ईडी ने भ्रष्टाचार मामले में सचिन वाजे को अनिल देशमुख के खिलाफ सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी
पिछले
महीने
पड़े
थे
बीमार
आपको
बता
दें
कि
अगस्त
के
अंत
में
अनिल
देशमुख
बीमार
हो
गए
थे।
उस
दौरान
वो
आर्थर
रोड
जेल
में
बंद
थे।
उन्होंने
जेल
अधिकारियों
को
चक्कर
आने
की
शिकायत
बताई।
फिर
उनको
जेजे
अस्पताल
में
भर्ती
करवाया
गया।
फिलहाल
अब
उनकी
हालत
सही
है।