Maharashtra Assembly Speaker राहुल नार्वेकर को हटाने की तैयारी, MVA ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार कार्यकाल पूरा होने के पहले गिर गई थी। अब एकनाथ शिंदे की सरकार में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर हैं, लेकिन उन्हें हटाने की तैयारी हो रही है।
महाराष्ट्र एक बार फिर सियासी संकट की तरफ जाता दिख रहा है। सियासी संकट इसलिए क्योंकि सत्ता परिवर्तन के कुछ महीनों के भीतर ही अब Maharashtra Assembly Speaker को बदलने की कवायद शुरू हुई है। महाविकास अघाड़ी (MVA) की तरफ से विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। प्रस्ताव के कारण नार्वेकर को हटाया जा सकता है।
MVA नेताओं ने स्पीकर पर क्या आरोप लगाए ?
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे खेमा यानी- शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गठबंधन (MVA) विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से नाखुश और असंतुष्ट है। रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के खिलाफ 'अविश्वास प्रस्ताव' MVA के विधायकों ने यह आरोप लगाते हुए पेश किया कि अध्यक्ष द्वारा विपक्षी सदस्यों को सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई।
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39 MLA के साइन होने का दावा
एमवीए सदस्यों ने दावा किया कि प्रस्ताव पर 39 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इस संबंध में विधायक सुनील केदार, सुनील प्रभु, सुरेश वरपुडकर और अनिल पाटिल द्वारा विधान सचिव राजेंद्र भागवत को एक पत्र भी सौंपा गया था।
पवार का इनकार, कहा- प्रस्ताव की जानकारी नहीं
यह भी दिलचस्प है कि महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी होने से इनकार कर दिया। गुरुवार को महा विकास अघाड़ी के विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के खिलाफ 'अविश्वास प्रस्ताव' लाने की मांग के बारे में पवार ने कहा, उन्हें इस तरह के किसी भी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर उन्हें प्रस्ताव की जानकारी होती तो वह इस पर हस्ताक्षर भी कर देते।
स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव नहीं ला सकते
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता पवार ने कहा, "मुझे स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी नहीं है। आज सुबह 9 बजे मैं विधानसभा गया और अब दोपहर 12 बजे बाहर आ रहा हूं। जहां तक मेरी जानकारी है, सदन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया है।" स्पीकर के खिलाफ ऐसा प्रस्ताव एक साल तक नहीं लाया जा सकता है। अगर मुझे इस प्रस्ताव की जानकारी होती, तो मेरे भी हस्ताक्षर होते, लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।"