उद्धव ठाकरे के वकील ने बताया, आखिर क्यों 2/3 बहुमत से बागी विधायकों की नहीं बनेगी बात
मुंबई, 27 जून। महाराष्ट्र सरकार में शुरू हुए विद्रोह में हर रोज नया मोड आ रहा है। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बागी विधायकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिस तरह से शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए पत्र लिखा है उसके बाद एकनाथ शिंदे ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रिपोर्ट की मानें तो एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 40 से अधिक विधायकों का साथ है, लेकिन कोर्ट में उद्धव ठाकरे के वकील यह तर्क दे सकते हैं कि इस नंबर के कोई मायने नहीं हैं।
क्या है नियम
वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि मीडिया में इस तरह की बात सामने आ रही है कि दो तिहाई बहुमत के बाद शिवसेना के विधायकों को अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता है। आप किसी भी संवैधानिक वकील से पूछिए वह कहेगा कि यह पूरी तरह से गलत है। दो तिहाई का नियम तभी लागू होता है जब पार्टी का दूसरे गुट में विलय होता है। शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्य करार देने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है, कई फैसले हैं इसको लेकर, विधायकों के सदन के बाहर के कदम पर सुप्रीम कोर्ट पहले कई फैसले दे चुका है कि अगर विधायक पार्टी विरोधी गतिविधि करते हैं तो वह अयोग्य करार दिए जा सकते हैं।
शरद यादव का उदाहरण
कामत ने कहा कि जब जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव को अयोग्य करार दिया गया था तो इसकी वजह यह थी कि उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार के विरोधी लालू प्रसाद यादव की रैली में हिस्सा लिया था। भाजपा शासित राज्य जाना, भाजपा के नेताओं से मिलना, सरकार को गिराने की कोशिश करना, सरकार के खिलाफ पत्र लिखना, यह सब पार्टी विरोधी गतिविधी है जो शिवसेना के बागी विधायक कर रहे हैं। स्पीकर के सामने हमने यही याचिका रखी है।
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डिप्टी स्पीकर के पास है अधिकार
वहीं विधायकों का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को यह अधिकार नहीं है कि वह विधायकों को अयोग्य करार दे, लेकिन कामत का कहना है कि यह पूरी तरह से गलत है। स्पीकर की गैरमौजूदगी में डिप्टी स्पीकर के पास उसके सारे अधिकार होते हैं। हम अपील करेंगे कि इन सभी 16 विधायकों को अयोग्य करार दिया जाए और इन्हे फिर से चुनाव लड़ने को कहा जाए। बता दें कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के खेमे के बीच शुरू हुआ यह विवाद लगातार जारी है और दोनों ही ओर से बयानबाजी का दौर चल रहा है। शिवसेना की ओर से संजय राउत ने कमान संभाल रखी है तो एकनाथ शिंदे उनके बयानों पर पलटवार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे के साथ ठहरे 20 विधायक मुख्यमंत्री ठाकरे के संपर्क में हैं।