महाराष्ट्र: पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की बढ़ी मुश्किलें, सचिन वाजे बने सरकारी गवाह
मुंबई, 01 जून: भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की अब और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पिछले साल मार्च में मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से लदे एक वाहन और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए और अनिल देशमुख का भरोसेमंद बताए जाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर सचिन वाजे को सीबीआई ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सचिन वाजे को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी है।
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बनने और अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश होने की अनुमति दे दी। वाजे ने विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने अपनी गिरफ्तारी से पहले और बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के साथ सहयोग किया था, जिसके बाद आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उनका इकबालिया बयान दर्ज किया गया था।
अपने जवाब में सीबीआई ने कुछ शर्तों के अधीन वाजे की याचिका को स्वीकृति दे दी है। विशेष न्यायाधीश डीपी शिंगडे ने वाजे की याचिका को स्वीकार कर लिया है। न्यायाधीश ने कहा, "आपका आवेदन आपको दिया गया है, लेकिन कुछ शर्तों के अधीन है। कोर्ट के आदेश के बाद वाजे अब मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हो सकते हैं।
सचिन वाजे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। हाल ही में एक विशेष अदालत ने वाजे की जमानत खारिज कर दी थी। इसने वाजे को अत्यधिक प्रभावशाली बताया और कहा कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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आपको बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पुलिस अफसरों को होटल और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूली करने का टारगेट दिया था। सीबीआई ने पिछले साल अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अनिल देशमुख, सचिन वाजे और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।