'सोसाइटी में कैंप लगा...1260 रुपए लिए, लेकिन नहीं दिखा कोरोना वैक्सीन का कोई लक्षण'
देश में जारी कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के बीच मुंबई में वैक्सीन से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।
मुंबई, 16 जून: देश में जारी कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के बीच मुंबई में वैक्सीन से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मुंबई के कांदिवली इलाके में स्थित हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी के लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें कोरोना वायरस वैक्सीन की फर्जी डोज दी गई है। दरअसल, इस सोसाइटी में बीते 30 मई को टीकाकरण कैंप लगाया गया था, जिसमें करीब 390 लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन की डोज दी गई। सोसाइटी के लोगों का आरोप है कि उनके साथ टीकाकरण में फर्जीवाड़ा किया गया है।
390 लोगों ने दिए 5 लाख रुपए
स्थानीय लोगों ने बताया कि राजेश पांडे नाम का एक शख्स बीते कुछ दिनों से सोसाइटी की कमेटी के संपर्क में था, जिसने खुद को कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल का प्रतिनिधि बताया। इसके बाद 30 मई को सोसाइटी में टीकाकरण कैंप लगाया गया, जो संजय गुप्ता नाम के शख्स की देखरेख में चला। वहीं, एक तीसरे व्यक्ति महेंद्र सिंह ने टीकाकरण के लिए सोसाइटी के लोगों से कैश पैमेंट ली। टीकाकरण कैंप में 390 लोगों को वैक्सीन लगाई गई और 1260 रुपए प्रति डोज के हिसाब से सोसाइटी ने करीब 5 लाख रुपए राजेश पांडे नामक शख्स को दिए।
'नहीं दिखा वैक्सीन का कोई लक्षण'
वैक्सीन को लेकर सोसाइटी के लोगों का शक उस वक्त गहराया, जब किसी को भी वैक्सीन लगने के बाद वाले लक्षण नहीं दिखे। सोसाइटी में रहने वाले हितेश पटेल ने बताया, 'मेरे बेटे ने अपना टीकाकरण कराया और हर डोज के बदले हम लोगों से 1260 रुपए लिए गए गए। वैक्सीन लेने के बाद हमें कोई मैसेज नहीं मिला। उन लोगों ने टीकाकरण के दौरान हमें फोटो या सेल्फी लेने से भी मना कर दिया।'
लोगों को मिले अलग-अलग हॉस्पिटल के सर्टिफिकेट
सोसाइटी के एक अन्य सदस्य ऋषभ कामदार ने बताया, 'हम उस वक्त हैरान रह गए, जब हम में से किसी को ना वैक्सीन के बाद वाला कोई लक्षण दिखा और ना ही कोई साइड इफेक्ट। हम सोचने लगे कि आखिर हो क्या रहा है क्योंकि हमें हमारे सर्टिफिकेट भी नहीं मिले। करीब 10-15 दिनों के बाद अब हमें सर्टिफिकेट मिला है और सारे सर्टिफिकेट अलग-अलग हॉस्पिटल के हैं। जब हमने इन अस्पतालों से संपर्क किया तो उन्होंने किसी भी सोसाइटी को इस तरह वैक्सीन दिए जाने से इंकार दिया।' वहीं, इस मामले पर मुंबई पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी में टीकाकरण के मामले की जांच चल रही है, लेकिन शुरुआती जांच में सामने आया है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी, उन्हें अलग-अलग तारीख और अलग जगहों के सर्टिफिकेट मिले हैं।
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