बुली बाई ऐप केस: जेल में ही रहेंगे श्वेता सिंह और मयंक रावत, 14 दिन बढ़ी न्यायिक हिरासत
मुंबई, 14 जनवरी: मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट कर उनकी 'ऑनलाइन नीलामी' करने वाले 'बुली बाई ऐप' चलाने के मामले में गिरफ्तार श्वेता सिंह और मयंक रावत फिलहाल जेल में ही रहेंगे। दोनों की न्यायायिक हिरासत को मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने शुक्रवार को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है।
मुंबई पुलिस ने बुली बाई ऐप मामले में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए बिहार के विशाल झा और उत्तराखंड से श्वेता सिंह और मयंक रावत को गिरफ़्तार किया है। श्वेता और मयंक को बीते हफ्ते 7 जनवरी को पुलिस की टीम मुंबई लेकर आई थी और दोनों को बांद्रा कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया था।
मुंबई पुलिस ने बताया कि बुली बाई ऐप केस में आरोपी श्वेता सिंह और मयंक की पुलिस हिरासत आज खत्म हो गई। ऐसे में श्वेता को अदालत में पेश किया गया लेकिन मयंक को कोरोना संक्रमित होने की वजह से कोर्ट में नहीं लाया जा सका। पुलिस ने दोनों की हिरासत बढ़ाने की गुजारिश कोर्ट से की। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी।
मयंक रावत और श्वेता की बेल अर्जी दी गई
आरोपी मयंक रावत के वकील संदीप शेरखाने ने बताया है कि श्वेता सिंह और मयंक की ओर से बांद्रा कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर दी गई है। जिस पर कोर्ट सोमवार, 17 जनवरी को सुनवाई करेगी।
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नीरज को भी जमानत नहीं
'बुली बाई' ऐप बनाने का मुख्य साजिशकर्ता नीरज बिश्नोई की जमानत भी शु्क्रवार को दिल्ली कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने महिलाओं को बदनाम करने का अभियान चलाया, जिसमें अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री थी, इन सबके अलावा इसमें सांप्रदायिकता भी थी।
क्या है ये ऐप?
बुली बाई ऐप को वेब प्लेटफॉर्म गिटहब पर तैयार किया गया था। इस ऐप पर 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें शेयर कर उनके 'बिक्री' होने की बात की गई। जिसमें कई समाजिक कार्यकर्ता, पत्रकारों और दूसरे क्षेत्रों की प्रभावशाली महिलाएं शामिल हैं। बाद में ऐप को प्लेटफॉर्म से हटा लिया गया। दिल्ली और मुंबई की पुलिस इस मामले में गिरफ्तारियां की हैं।