'देशमुख ने अनुचित और बेईमानीपूर्वक लाभ लेने की कोशिश की', FIR में सीबीआई
मुंबई, अप्रैल 24। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अज्ञात लोगों के खिलाफ घूस लेने, भ्रष्टाचार और आपराधिक षड़यंत्र की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें कहा गया है कि "प्रारम्भिक जांच के बाद प्रथम दृष्टया ये खुलासा हुआ है कि एक संज्ञेय मामला बनता है जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और अन्य अज्ञात लोगों ने सार्वजनिक कर्तव्य के पालन में अनुचित और गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया।"
हाईकोर्ट ने दिए थे जांच के आदेश
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून 2018 की संशोधित धारा के अंतर्गत सेक्शन 7 के साथ आईपीसी की धारा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही सीबीआई ने देशमुख और उनके सहयोगियों से संबंध विभिन्न ठिकानों पर पहुंचकर तलाशी भी ली है।
मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के सनसनीखेज आरोपों के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ आरोपों को लेकर प्रारंभिक जांच करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिन के अंदर जांच पूरी करने को कहा था। इसके आधार पर सीबीआई निदेशक को आगे की कार्रवाई करने को कहा गया था।
परमबीर सिंह ने लिखी थी चिठ्ठी
मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिठ्ठी लिखकर सनसनी फैला दी थी जिसमें कहा गया था कि एंटीलिया केस में गिरफ्तार किए गए मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाझे को मुंबई से 100 करोड़ की वसूली का टारगेट दिया गया था। सिंह के मुताबिक यह टारगेट राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दिया था। एंटीलिया केस में जांच के दौरान ही महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाकर डीजी होमगार्ड बना दिया था।
जांच एजेंसी के अनुसार "इसकी प्रारंभिक जांच ने पाया है कि देशमुख को 15 साल बाद पुलिस में निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे की बहाली और जांच के लिए वाजे को दिए जा रहे संवेदनशील और "सनसनीखेज" मामलों की जानकारी थी।"
एनआईए ने किया था वाजे को गिरफ्तार
एपीआई सचिन वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक भरी गाड़ी खड़ी करने और मनसुख हिरेन की हत्या के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था और पूछताछ की थी। इसके साथ ही सीबीआई अनिल देशमुख के ऊपर ट्रांसफर पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने के परमबीर सिंह के आरोपों की भी जांच कर रही है।
सचिन वाजे ने कुछ दिन पहले ही एनआईए कोर्ट में पत्र लिखकर परमबीर सिंह के आरोपों का सही बताया था। इसके साथ ही वाजे ने शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री अनिल परब पर भी आरोप लगाया था।
वाजे ने आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने उनका निलंबन बहाल करने के लिए उनसे 2 करोड़ रुपये की मांग की थी।
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