ग्वालियर के बाद नागपुर के भी गरबा पंडालों में बिना ID नहीं मिलेगा प्रवेश, VHP का फरमान
नागपुर, 26 सितंबर। 'लव-जिहाद' के मामलों को लेकर नागपुर विश्व हिंदू परिषद्, सख्त हो गया है। इसको लेकर परिषद् की तरफ से एक फरमान जारी किया गया है। इसके मुताबिक गरबा पंडाल में जाने वाले सभी लोगों को आईडी प्रूफ लेकर जाना होगा। बिना इसके किसी भी व्यक्ति को गरबा पंडाल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परिषद् की तरफ से यह फैसला इसलिए लिया गया है, ताकी 'लव-जिहाद' के मामलों के साथ-साथ गैर-हिंदूओं के प्रवेश के पंडाल में जाने से रोका जा सके।
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पुलिस-प्रशासन पर होगी आईडी चेक करने की जिम्मेदारी
इस संबंध में इंडिया टुडे से बात करते हुए विदर्भ प्रांत के विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष गोविंद शेंडे ने कहा कि पुलिस प्रशासन और आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि बिना आधार कार्ड के कोई भी गरबा पंडाल में प्रवेश न कर सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनका संगठन गरबा उत्सव के दौरान 'लव जिहाद' के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए पंडालों पर भी नजर रखेगा।
गरबा का मतलब सिर्फ डांस नहीं
शेंडे ने कहा कि गरबा पंडालों में असामाजिक तत्व लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में गरबा का सम्मान के साथ पूजा हो और असामजिक तत्तव दूर रहे, इसलिए आईडी प्रूफ अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि गरबा एक नृत्य ही नहीं बल्कि धार्मिक उत्सव का भी प्रतीक है।
ग्वालियर में पहले ही लागू हो चुका है नियम
गरबा पंडालों में असामाजिक तत्व प्रवेश न करें, इसको लेकर सबसे पहले ग्वालियर में आईडी प्रूफ अनिवार्य किया गया था। इसको लेकर मध्य प्रदेश की भाजपा मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि ग्वालियर में बिना पहचान पत्र के किसी को भी गरबा पंडाल के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने भी गरबा पंडालों में लव जिहाद के मामलों के बढ़ने की ओर इशारा किया था।
हर वर्ष नवरात्रि पर होता गरबा सेलिब्रेशन
गरबा सेलिब्रेशन हर वर्ष नवरात्रि के मौके पर होता है। गरबा सबसे अधिक धूम-धाम के साथ गुजरात में मनाया जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में अन्य राज्यों में भी इसका प्रचलन काफी तेजी के साथ बढ़ा है। ऐसा कहा जाता है कि यह नृत्य मां दुर्गा को काफी पसंद हैं, इसलिए नवरात्रि के दिनों में इस नृत्य के जरिये मां को प्रसन्न करने की कोशिश की जाती है। इसलिए घट स्थापना होने के बाद इस नृत्य का आरंभ होता है।