केंद्र पर बरसे आदित्य ठाकरे, बोले- कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मिलनी चाहिए थी, बागी विधायकों को नहीं
मुंबई,
27
जून।
महाराष्ट्र
सरकार
में
मंत्री
आदित्य
ठाकरे
ने
रविवार
को
केंद्र
सरकार
पर
सीधा
हमला
बोला
है।
दरअसल
केंद्र
सरकार
ने
गुवाहाटी
के
रैडिसन
ब्लू
होटल
में
ठहरे
बागी
विधायकों
को
सीआरपीएफ
की
सुरक्षा
मुहैया
कराई
है।
केंद्र
के
इसी
फैसले
पर
युवा
सेना
के
अध्यक्ष
आदित्य
ठाकरे
ने
तीखा
हमला
बोला
है।
आदित्य
ने
कहा
कि
कश्मीरी
पंडितों
को
पहले
सुरक्षा
मुहैया
कराई
जानी
चाहिए
क्योंकि
हाल
के
दिनों
कश्मीरी
पंडितों
की
हत्या
की
घटनाएं
सामने
आई
हैं।
हम
कश्मीरी
पंडितों
के
लिए
लगातार
सुरक्षा
की
मांग
करते
आए
हैं,
उन्हें
पहले
सुरक्षा
मुहैया
कराने
की
बात
करते
आए
हैं।
लेकिन
उन्हें
यह
सुरक्षा
मुहैया
नहीं
कराई
गई,
लेकिन
इन
बागी
विधायकों
को
सुरक्षा
मुहैया
कराई
गई
है।
आदित्य
ठाकरे
के
अलावा
शिवसेना
के
कुछ
और
नेताओं
ने
भी
केंद्र
सरकार
के
इस
फैसले
की
आलोचना
की
थी।
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आदित्य ठाकरे ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि सभी बागी विधायक जिन्होंने खुद को बेच दिया है, अगर आपके भीतर हिम्मत है तो अपने पद से इस्तीफा दीजिए और चुनाव का सामना करिए। मुझे पूरा भरोसा है कि आप लोग चुनाव हार जाएंगे। वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को तीन हिस्सों में बाटना चाहती है, लेकिन शिवसेना ऐसा नहीं होने देगी। यही वजह है कि इस तरह का षड़यंत्र रचा गया है ताकि पार्टी को खत्म कर दिया जाए। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र को तीन हिस्सों में बांटने की इन लोगों की योजना है। ये लोग नॉर्थ महाराष्ट्र, विदर्भ और मुंबई में बांटना चाहते हैं। इन लोगों को पता है कि शिवसेना ऐसा नहीं होने देगी, इसीलिए ये लोग अब शिवसेना को खत्म करना चाहते हैं।
बता दें कि शिवसेना की ओर से बागी 16 विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखा गया है। लेकिन शिवसेना के इस पत्र के खिलाफ बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा। बागी विधायकों ने कहा है कि जबतक मामले की सुनवाई नहीं हो जाती है अयोग्यता की कार्रवाई को रोक दिया जाए। बता दें कि डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों को नोटिस जारी करके 27 जून तक जवाब मांगा था।