white sandalwood smuggling : इस केंद्रीय विवि पर चंदन चोरों की नजर, दो साल में 560 पेड़ चोरी
सागर विवि की पहाड़ियों और परिसर में सफेद चंदन के तस्करों की नजर लगी हुई है। विवि प्रशासन की लचर सुरक्षा व्यवस्था के कारण चोरों और तस्करों के हौसले बुलंद हैं। यहां जब—तब लाखों रुपए कीमत के चंदन के पेड़ काट लिए जाते हैं।
डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के कैम्पस से पिछले 2 साल में 560 चंदन के पेड़ काटे जा चुके हैं। विश्वविद्यालय के 803.8 हेक्टेयर (1984 एकड़) के इलाके में 70 प्रतिशत से अधिक एरिया जंगल का है, जिसमें लंबे समय से चंदन चोर सक्रिय हैं। दिलचस्प बात यह है कि 71 चौकीदारों की लंबी फौज होने के बावजूद चोरी गए चंदन पेड़ों की एक भी रिपोर्ट संबंधित थाने में नहीं दर्ज नहीं गई है। केवल विवि की ओर से शिकायती आवेदन भेजे गए हैं। जबकि वर्ष 2014 से 2020 के बीच यहां 84 राज्य सुरक्षा औद्योगिक बल के बंदूकधारी कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। फिलहाल एसएसएएफ से विश्वविद्यालय का अनुबंध समाप्त हो चुका है। इसके बाद अब बैखौफ विवि के जंगल से चंदन चोरी का सिलसिला जारी है
डॉ. गौर केंद्रीय विवि में दो साल में 506 चंदन के पेड़ काटे
केंद्रीय विश्वविद्यालय कैम्पस में कई दुलर्भ प्रजातियों के पेड़-पौधे लगे हुए हैं। इसमें से एक सफेद चंदन भी हैं। इसका बॉटनिकल नाम सेंटलम एलबम है। यह नमी होने की वजह से मैसूर की तरह खूशबूदार नहीं होता है, लेकिन उसी की तरह यह कीमती है। यहीं वजह है कि यहां से लगातार इन पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। विश्वविद्यालय के 71 चौकीदारों में से आधे की नौकरी रिटायरमेंट पर हैं, जो पिछले कई साल से जंगल की ओर गए ही हैं। निगरानी नहीं होने की वजह से जंगल में चोर आधुनिक हथियारों से चंदन पेड़ काट रहे हैं। इधर, पेड़ों की चंदन चोरी को लेकर एक भी रिपोर्ट दर्ज नहीं है। हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से शिकायती आवेदन जरूर दिया गया है।
आधुनिक औजार से की जाती है कटाई
कुछ महीने पहले विश्वविद्यालय की पहाड़ियों से काटे गए चंदन के पेड़ों को आधुनिक हथियारों द्वारा काटा गया। विश्वविद्यालय की पहाड़ी का एरिया सेना और पुलिस लाइन से लगा हुआ है। इसके बाद भी इन पेड़ों को इतनी सफाई से काटा जाता है कि जिसकी भनक किसी को भी नहीं लगती। चर्चा यह भी कि उप्र सीमा पर इनकी सप्लाई की जाती है। जिसमें स्थानीय तस्कर भी शामिल हैं।
सफेद चंदन की लकड़ी होती है रसदार, यूपी सप्लाई होती है
सदेफ चंदन में तेल की मात्रा ठीक होने से इसकी रसदार लकड़ियों को मप्र में उन स्थानों पर भी सप्लाई किया जाता है, जहां फैक्ट्रियां सौंदर्य प्रसाधन बनाए जाते हैं। उनका उपयोग आसानी से किया जाता है। हालांकि लोकल स्तर पर कीमत बेहतर नहीं मिलने के कारण अन्य राज्यों में इसकी डिमांड ज्यादा होती है। चंदन पेड़ों की चोरी और तस्करों के लिए जिले में सबसे आसान रास्ता मप्र के बुंदेलखंड से होते हुए उत्तर प्रदेश का है। विवि की पहाड़ियों से एक साथ काटे गए चंदन पेड़ों के लकड़ियों को वहीं छोटे-छोटे हिस्से कर लिए जाते है। संभवत: तस्कर एक साथ चंदन लकड़ी ले जाने की अपेक्षा कुछ ही हिस्से की सप्लाई करते हैं। यूपी के बाद जिसे अन्य राज्य में भी भेजा जाता है।
चंदन 4 प्रकार का होता है, सागर जिले में होता है सफेद चंदन
सागर जिले में सागर विवि व रहली इलाके में सफेद चंदन होता है। वैसे चंदन 4 तरह का होता है। सफेद, लाल, मयूर और नाग चंदन। सागर जिले में पथरीली जमीन में लगने वाला यह सफेद चंदन का पौधा जल्द ही लग जाता है। अन्य चंदन पेड़ों को मुकाबले इसकी खुशबू कम होती है, लेकिन लकड़ी रसदार होने के कारण तेल का प्रतिशत बेहतर होता है। इसमें खुशबू का 1 प्रतिशत और तेल 6 प्रतिशत तक होता है।
सौंदय प्रसाधन, धूप, क्रीम, साबुन बनाने में होता है उपयोग सफेद चंदन
-
सौंदर्य
प्रसाधन,
धूप,
चंदन
से
बने
साबुन,
पेस्ट,
क्रीम
आदि
(सूखी
हुई
लकड़ी
से
नक्कशी
भी
की
जाती
है)
मार्केट
में
तस्करों
का
ऐसा
होता
है
एक
पेड़
का
गणित
-
हर
साल
चंदन
का
तना
बढ़ता
है
-
12
से.मी.
-
12
से
15
साल
के
पेड़
की
ऊंचाई
होती
है
-
5
फीट
(तने
का
व्यास
करीब
80
से.मी.)
-
15
साल
के
पेड़
से
मिलती
है
लकड़ी
-
20
से
35
किलो
(रसदार)
-
मौजूदा
लकड़ी
की
कीमत
6000
से
12,000
रुपए
प्रतिकिलो।
(
6000
रुपए
प्रतिकिलो
के
मान
से
20
किलो
लकड़ी
की
कीमत
ही
बाजार
में
1
लाख
20
हजार
रुपए
होती
है)
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चंदन चोरी को लेकर विश्वविद्यालय की ओर से जारी हुई चिटि्ठयां
2
अगस्त
2022
:
आवास
सी
27
से
चंदन
के
पेड़
काटा
गया
12
जनवरी
2021
:
पोस्ट
ऑफिस
की
ओर
गर्ल्स
परिसर
से
3
पेड़
काट
गए
थे।
16
जनवरी
2021
:
क्वार्टर
क्रमांक
सी
वाय
में
चंदन
के
पेड़
के
पास
5
लोग
दिखे
थे।
21
जनवरी
2020
:
पुलिस
अधीक्षक
को
लेटर
लिखा
था
सी-वाय
के
आगे
अज्ञात
लोग
दिखे।
31
दिसंबर
2019
:
थाना
प्रभारी
रात्रिकालीन
गश्त
के
लिए
लिखा
था।
30
दिसंबर
2019
:
दो
पेड़
सी
वाय
पेड़
काट
ले
गए
थे।
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