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अजब-गजबः कौओं को भगाने लगाया हीरोइन का 'कागभगौड़ा', लोग सेल्फी लेने खेत में घुस रहे

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सागर, 14 अगस्त। मप्र के सागर कैंट इलाके में एक किसान ने खेत में फसल को पशु-पक्षियों से बचाने के लिए 'काग भगौड़ा' (बिजूका) लगाया है। उसने फिल्मी हीरोइन कि तरह का 'काग भगौड़ा' अपने खेत में जींस-शर्ट पहनाकर, कैप लगाकर लगाया है। पक्षी तो उसे देखकर जरुर भाग रहे हैं, लेकिन रास्ते से गुजरने वाले लोग उसे रुककर टकटकी लगाए देखते नजर आ रहे हैं।

पक्षियों को भगा रहा, लोगों को आकर्षित कर रहा 'काग भगौड़ा'

पक्षियों को भगा रहा, लोगों को आकर्षित कर रहा 'काग भगौड़ा'

सागर में केंट क्षेत्र के एक किसान ने अपने सब्जियों के बागीचे में ऐसा काग भगोड़ा लगाया है, जिसे देखकर कौए और चिढ़ियां भागें या न भागें लोग जरूर इसे रुककर और पलट-पलट कर देख रहे हैं। इस खेत में कागभगोड़ा लगा है जिसे देखकर हीरोइनें भी फीकी पड़ जाएं। जबकि कागभगोड़े अजीबो-गरीब तरीके के बनाकर भयानक रूप देकर लगाए जाते हैं। खेतों में किसान इसका उपयोग पक्षी और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों को भगाने किया जाता है।

कपड़ा शो-रुम में लगाने वाली डमी खेत में लगा दी

कपड़ा शो-रुम में लगाने वाली डमी खेत में लगा दी

अब यह सजा धजा मॉडलिंग पोज में खड़ा यह पुतला चर्चाओं में बना हुआ है। जिसको देखकर बॉलीवुड की हेरोइनों तक को मात दे रहा है। बाकायदा जीन्स टीशर्ट कैप और हेड फोन से सजीधजी डमी अनायास ही लोगों का ध्यान खींच लेती है। यहां बता दें कि यह खेत केंट क्षेत्र के किसान संजय मौर्य का है, उन्होंने बताया कि यह पुतला कहीं से मिल गया था। खेत में पुतला लगाना भी जरूरी होता है इसलिए इसे ही लगा दिया। हालांकि इसे लेकर कुछ और लाभ हुआ हो या न हुआ हो लोग तस्वीरें लेने जरूर रुक जाते हैं।

कैंट इलाके में अंग्रेजों के समय से खेती करते आ रहे लोग

कैंट इलाके में अंग्रेजों के समय से खेती करते आ रहे लोग

सागर के छावनी परिषद इलाके में सदियों से खेतीवाड़ी से कई परिवार जुडे़ हैं। वे यहां पर कई पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं। संजय मौर्य बताते हैं कि उसे बाप-दादा यहां अंग्रेजों के समय से खेती करते आ रहे हैं। केंटोनमेंट का इतिहास बहुत पुराना 1800 ईसवी से यहां सैनिक गतिविधियां होती आई हैं। ब्रिटिश सेनाओं ने यहां छावनी बनाई थी। उनके भोजन आदि की सुविधा के लिए यहां खेती प्रारंभ कराई गई थी। इसमें उत्तर प्रदेश से काश्तकारों को यहां लाकर बसाया गया था। उनको जमीन उपलब्ध कराई गई थी। कई पीढ़ियों से यहां सब्जी उगाने के काम किया जाता है। लेकिन केंट के इन किसानों को सरकारी योजनाओ का कोई भी लाभ नहीं मिलता।

जैविक खेती ही करते हैं यहां के किसान

जैविक खेती ही करते हैं यहां के किसान

छावनी इलाके के पटकुई, बरारु सहित आसपास के इलाके में किसान जैविक और परम्परागत खेती को महत्व देते हैं। यहां खेती की पद्धति अब भी परंपरागत है। रासायनिक खादों कीटनाशकों की जगह गोबर और वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया जाता है। यहां बहुतायत रुप से गाजर का उत्पादन किया जाता है और देश के कोने-कोने तक जाती है। इसके अलावा गोभी, आलू, मटर, पत्तागोभी, भिंडी, टमाटर, गिलकी, लौकी, कद्दू जैसी सब्जियां अच्छी गुणवत्ता के पैदा की जाती हैं।

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English summary
sagar: heroine made "cork runaway" to drive away crows in the field, people are watching
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