Ratlam Accident: संडे की शाम बुझ गई 5 परिवारों की जिंदगी, MP में बढ़ते हादसों का कौन जिम्मेदार?

कहते है विधि का विधान कोई टाल नहीं सकता। जीवन में जब कोई घटना घटित होती है तो आस्था के लिहाज से इस तरह के तर्क दिए जाते है। एमपी के रतलाम में बेकाबू ट्रक हादसे में हुई बेकसूर 5 लोगों की मौत और दर्जन भर घायलों को लेकर यही कहा जा रहा हैं। हादसे के बाद बेकसूर लोगों को कुचलने वाले ट्रक के CCTV फुटेज भी सामने आए है, जिसमें ट्रक की रफ़्तार भी समझ आ रही है। इसी जिले में 20 दिन पहले हाईवे पर बेकाबू कार ने 4 मजदूरों को रौंद दिया था। आखिर इन हादसों से जिम्मेदार कोई सीख क्यों नहीं ले रहे?

रविवार की शाम 5 लोगों की जिंदगी अस्त
मध्य प्रदेश के रतलाम शहर से करीब 27 किलोमीटर दूर वयस्त सातरुंडा चौराहा सड़क किनारे खड़े लोगों के लिए मौत का चौराहा साबित हुआ। 5 लोगों की मौत बनकर आए बेकाबू ट्रक ने कई परिवारों को रोशन करता सूर्य हमेशा-हमेशा के लिए अस्त हो गया। कोई नजदीक के प्रसिद्ध कंवलका देवी मंदिर में मन्नत कार्यक्रम करके घर लौट रहा था, कोई नाते-रिश्तेदार से मिलकर अपनी मंजिल की ओर आगे जाने रोड किनारे बस का इंतजार कर रहा था। सामने आए ट्रक की रफ़्तार इतनी थी कि संभलने का मौका तक नहीं मिला।
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मौत बनकर बेकाबू हुए ट्रक का वीडियो
रतलाम जिले में हुए इस दर्दनाक हादसे के CCTV फुटेज भी सामने आए हैं। वीडियो में ट्रक की रफ़्तार भी पता चल रही है कि अक्सर भीड़-भाड़ वाले चौराहे से ऐसे भारी वाहनों पर प्रशासन का किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि चौराहे पर यह ट्रक जैसे ही एक बाइक चालक को रौंदता है, ट्रक का टायर फट जाता है। फिर आगे निकलते हुए सड़क किनारे खड़े अन्य लोगों और वाहनों को भी अपनी चपेट में लेकर डिवाइडर से टकरा जाता है।
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सीएम शिवराज सिंह ने जताया शोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे को लेकर दुःख जताया। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। सीएम ने पीड़ित परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक देने की घोषणा की हैं। इसके साथ ही घायलों के इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ पूरी सरकार है और हर संभव मदद की जाएगी।

20 दिन पहले एक कार ने मजदूरों को रौंदा था
15 नवंबर को इस घटना स्थल से आठ किलोमीटर दूर जमुनिया पुलिया के नजदीक भी ऐसा ही हादसा हुआ था। सेफ्टी जाल लगा रहे करीब दर्जन भर मजदूरों को एक बेकाबू कार ने रौंद दिया था।जिसमें यूपी अलीगढ़ जिले के 4 मजदूरों की मौत हो गई थी। वहीं 8 मजदूर और कार सवार 5 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे।

सड़क सुरक्षा समितियां क्या शो पीस ?
मप्र में लगातार होते ऐसे हादसों के बाद जांच के निर्देश फिर कार्रवाई के बयान देकर जिम्मेदार बच निकलते है। इस हादसे में भी प्रशासन के वैसे ही बयान सामने आ रहे है। कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी बोले कि ऐसे हादसों के नियंत्रण के लिए सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती है और महतवपूर्ण फैसले लिए जाते है। लेकिन लोगों का कहना है कि यदि कुछ दिन पहले हुई घटना से यदि सबक लिया जाता तो शायद 5 मौतों को टाला जा सकता था।
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