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Sagar: फसल मुआवजा में शासन की कटौती, मांगे 216 करोड़, मिले मात्र 26.45 करोड़

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सागर, 6 अक्टूबर। मानसून सीजन में भारी बारिश के बाद किसानों को फसलों, घर, खेत, फसल में हुए नुकसान की भरपाई करने सरकार ने सर्वे कराया और मुआवजा देने की मांग की थी। जिला प्रशासन ने बीते दिनों सर्वे के बाद 216 करोड़ रुपए की डिमांड मुआवजा बांटने मांगी थी। इधर सरकार ने इसमें भारी कटौती करते हुए मात्र 26.45 करोड़ दिया है। इतनी राशि में 3 लाख 33 हजार से अधिक किसानों को राहत कैसे प्रदान की जा सकेगी।

सागरः अतिवृष्टि मुआवजे पर सरकार ने चलाई कैंची

सरकार ने किसानों को अतिवृष्टि के मुआवजे में कटौती करते हुए राई भर राहत भेजी है। जिला प्रशासन सागर ने शासन को जितनी राशि की डिमांड भेजी थी, उसकी महज 12 फीसदी के आसपास राशि भेजी है। इस राशि को जिले के 1467 गांवों में 3 लाख 33 हजार 440 से अधिक किसानों को बांटना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 10 ब्लॉकों में करीब 2 लाख 96 हजार हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो चुकी है। जिले में कितने किसानों को अभी तक मुआवजा दिया गया है, इसको लेकर जिला प्रशासन की भू-अभिलेख शाखा में अपडेट जानकारी भी उपलब्ध नहीं है। शाखा प्रभारी आदित्य सोनकिया के अनुसार अभी जो राशि आई है, उसे सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों को बांटा जा रहा है। शासन को और राशि की डिमांड भेजी जा रही है।

सरकार हर बार राहत और मुआवजा में कटौती करती रहती है
जिला प्रशासन के भू-अभिलेख शाखा के अनुसार जिला प्रशासन ने बीते तीन सालों में फसल मुआवजा के लिए अलग-अलग सीजन में फसल बर्बाद होने के बाद सरकार को सर्वे रिपोर्ट भेजी थी। तीन सालों में शासन से 654 करोड़ रुपए मांगे थे। राजस्व विभाग ने इतने के नुकसान का आंकलन किया था। प्रशासन की रिपोर्ट के बाावजूद सरकार ने इस मद में बीते तीन सालों में महज 167 करोड़ रुपए दिए गए हैं। बीते अगस्त 2022 में हुई अतिवृष्टि से सागर जिले की सागर ग्रामीण में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा खुरई, बीना, जैसीनगर, गढ़ाकोटा, राहतगढ़, शाहगढ़, बंडा, रहली, सागर शहरी, सागर ग्रामीण में भारी बारिश से नुकसान हुआ है।

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English summary
In Sagar district of MP, crops were ruined due to heavy rains. The government also used a stick to cut compensation for crops damaged due to excessive rain. According to the demand of the district administration, the government has sent a relief of a mustard seed. Meaning, in the report given by the collector to the government, Rs 216 crore was demanded, whereas the government has given only Rs 26.45 crore.
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