Panna Tiger Reserve: सुपर मॉम की बेटी बाघिन P-151 ने दिया 4 शावकों को जन्म
पन्ना से लगातार बाघों की मौत की खबर के बाद शुक्रवार को सुखद खबर मिली, यहां तीसरी दूसरी पीढ़ी की बाघिन पी-151 ने चार शावकों को जन्म दिया है। एक हिसाब से यह शावक मदर आफ पन्ना टाइगर्स टी-1 के पोते हैं।
देश के टाइगर स्टेट मप्र के पन्ना टाइगर रिजर्व में तीन बाघों की मौत की दुखद खबरों के बाद बीती शाम सुखद तस्वीर सामने आई। बाघिन पी-151 नए साल में पहली दफा अपने 4 नन्हें शावकों के साथ नजर आई है। बता दें कि पन्ना की रानी कहलानी वाले व दो दिन पहले मृत मिली बाघिन टी-1 की बेटी यह बाघिन पी-151 है। कहने का मतलब नन्हें शावकों की उछलकूद से काफी हद तक पन्ना की मदर आफ पन्ना टाइगर अर्थात यहां की पहली बाघिन टी-1 की मौत को कुछ कम किया है।
बाघिन टी-1 की बेटी बाघिन पी-151 चार शावकों संग नजर आई
बाघों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघिन ने नन्हे शावकों को जन्म दिया है। बाघिन पी-151 अपने 4 शावकों के साथ दिखी है। पीटीआर प्रबंधन ने इस आशय का एक वीडियो जारी कर सूचना दी है कि बाघिन पी-151 अपने 4 शावकों के साथ नजर आई है। बता दें कि बीते रोज टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए पहुंचे सैलानियों ने यह वीडियो अपने कैमरे में कैद किया है। बाघिन के पीछे-पीछे 4 नन्हें शावकों उछलते हुए चल रहे हैं। बाघिन के पीछे वे यहां-वहां मस्ती करते नजर आ रहे हैं। बाघिन अपने शावकों की सुरक्षा के लिए अलर्ट भी दिख रही है। वह बार-बार रुककर पीछे मुढ़कर शावकों को देखने लगती है कि कहीं वे यहां-वहां न हो जाएं तो चंद सेकंड बाद वह पर्यटकों की तरफ देखती है, कि कहीं उसके बच्चों को इनसे खतरा तो नहीं हैं। आश्वस्त होने के बाद वह राजसी स्टाइल में फिर आगे बढ़ जाती है।
सालभर में करीब दो दर्जन शावकों का जन्म
पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा जारी जानकारी अनुसार बीते एक साल में टाइगर रिजर्व में अलग-अलग बाघिनों ने 25 शावकों को जन्म दिया है। इनमें बाघिन पी 141 के 3 शावक, बाघिन पी 223 (32) के 2 शावक, बाघिन 643 के 2 शावक सहित कुछ अन्य बाघिनों ने शावकों को जन्म दिया है। अब बाघिन पी 151 ने एक साथ चार शावकों को जन्म दिया है। पीटीआर में वर्तमान में बाघों का कुबना 85 के आसपास होता, लेकिनबीते दो महीनों में 3 बाघ व उसके पूर्व के छह महीनों में दो बाघों की मौत से संख्या घट गई थी।
मदर ऑफ टाइगर रिजर्व ने 13 बच्चों को जन्म दिया था
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में साल 2008-09 बाघ पुनर्स्थापन किया गया था। इसके पहले विभिन्न कारणों व शिकार के चलते यहां के जंगल बाघ विहीन हो गए थे। पुनर्स्थापन के तहत बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघिन टी-1 को सबसे पहले लाया गया था। उसके साथी के रुप में पेंच टाइगर रिजर्व से बाघ टी-3 को बाद में बाघिन टी-2 को लाया गया था। इनके मिलन से बाघिन टी-1 से करीब एक साल बाद यहां पहली दफा अपनी संतानों को जन्म दिया था। यहीं से बाघों का परिवार यहां बसना शुरू हुआ था। बाघिन टी-1 ने अपने 5 लिटर में कुल 13 बच्चों को जन्म दिया। इसलिए इस बाघिन को मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व का खिताब भी दिया गया था। उस पर दो डायक्युमेंट्री फिल्म भी बनाई गईं थीं। करीब 17 साल के जीवन में उसने पन्ना में टाइगर बसाने से लेकर एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
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पन्ना को बाघों से आबाद करने वाली पहली बाघिन की मौत
पन्ना टाइगर रिजर्व में ठीक दो दिन पहले एक दुःखद खबर सामने आई थी। मदर ऑफ पन्ना टाइगर्स का रूतबा रखने वाली बुजुर्ग बाघिन टी-1 का शव मिला था। उसकी मृत्यु होने के 10 दिन बाद कुछ लकड़हारों ने उसका शव मनोर हाईवे के पास जंगल में पड़े होने की सूचना दी थी। गले में लगी कालर आईडी बंद होने से उसकी लोकेशन की जानकारी प्रबंधन को नहीं थी। यह बाघिन सबकी चहेती इसलिए थी, क्योंकि बाघ विहीन पन्ना के जंगलों को इसी बाघिन ने खुद व अपनी संतानों के माध्यम से आबाद किया था। साल 2009 में इसे बांधवगढ़ से लाया गया था।
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