क्राइम फ्री विलेज 'हथिवार', 40 साल से नहीं देखी पुलिस और थाना, 'चौपाल' करती है हर फैसला
निवाड़ी जिले के हथिवार गांव की चौपाल एक पेड़ और एक खाट न्याय का स्थान बन गया है। इस गांव में 40 साल से पुलिस की एंट्री नहीं हुई। विवाद हुए तो बुजुर्गों ने बरगद के नीचे खाट पर बैठकर आपस में मामले सुलझा लिए।
देश में 'हथिवार' गांव ने अनोखी मिसाल पेश की है। इनका मानना है कि गांव के सारे मामले चौपाल में रखी खाट पर बैठकर ही निपटा लिए जाएं, गांव में कभी पुलिस न आए। जी हां... मप्र के बुंदेलखंड के निवाड़ी जिले में हथिवार गांव में बीते 40 साल से पुलिस नहीं पहुंची है। थाने का रोजनामचा खाली पड़ा है, हथिवार गांव से एक भी एफआईआर तो दूर कोई शिकायत नहीं की गई। पुलिस अधिकारी भी गांव की एकता, सौहार्द और भाई चारा देखकर हैरान हैं।
1983
से
अब
तक
पुलिस
का
रोजनामचा
खाली
मध्य
प्रदेश
के
बुंदेलखंड
में
एक
ऐसा
गांव
है
जहां
वर्ष
1983
से
लेकर
आज
तक,
यानी
कि
40
सालों
में
गांव
के
किसी
भी
व्यक्ति
पर
एक
भी
अपराधिक
प्रकरण
दर्ज
नहीं
हुआ
है
l
यह
गांव
मध्य
प्रदेश
के
निवाड़ी
जिले
के
पृथ्वीपुर
थाना
क्षेत्र
अंतर्गत
आता
है
इस
अनोखे
गांव
का
नाम
हथिवार
है
और
गांव
की
कुल
आबादी
लगभग
300
है,
जिसमें
160
मतदाता
हैं।
40
साल
में
एक
भी
व्यक्ति
पर
आपराधिक
प्रकरण
दर्ज
नहीं
हुआ
गांव
के
लोग
बताते
हैं
कि
पिछले
40
सालों
में
इस
गांव
में
रहने
वाले
किसी
भी
व्यक्ति
पर
एक
भी
अपराधिक
मामला
दर्ज
नहीं
हुआ
है।
ऐसा
नहीं
है
कि
इस
गांव
में
झगड़े
नहीं
होते,
आपस
में
विवाद
नहीं
होता।
सब
कुछ
होता
है,
लेकिन
गांव
में
रहने
वाले
बूढ़े-बुजुर्ग
और
गांव
में
रहने
वाले
कुछ
पढ़े-लिखे
लोग
मिलकर
झगड़ों
को
आपसी
तालमेल
से
निपटा
लेते
हैं।
जब
कभी
गांव
में
किसी
व्यक्ति
का
गांव
में
ही
रहने
वाले
किसी
दूसरे
व्यक्ति
के
साथ
झगड़ा
होता
है
तो
गांव
में
ही
एक
पंचायत
बुलाई
जाती
है।
दोनों
पक्ष
आमने-सामने
होते
हैं
और
उसके
बाद
गांव
के
लोग
मिलकर
दोनों
के
बीच
में
सुलह
करा
देते
हैं।
इसके
बाद
मामला
शांत
हो
जाता
है।
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झगड़े
तो
हुए,
लेकिन
चौपाल
पर
बैठकर
निपटा
लिए
गए
हथिवार
में
रहने
वाले
शिक्षक
एमके
गौतम
का
कहना
है
कि
गांव
में
उनके
देखते
हुए
कभी
पुलिस
आई
ही
नहीं
हैं।
ऐसा
भी
नहीं
है
कि
यहां
झगड़े
या
विवाद
न
हुए
हों,
लेकिन
जब
कभी
भी
ऐसा
मौका
आया
तो
गांव
के
बुजुर्गों
ने
दोनों
पक्षों
को
चौपाल
पर
बैठाकर
मामले
को
सुना
और
आपसी
राजीनामा
से
मामले
निपटाए।
उन्हें
भी
मामलों
को
निपटाने
के
लिए
बुलाया
जाता
है।
गांव
का
हर
व्यक्ति
इस
मामले
में
समझदारी
और
सामंजस्य
दिखाता
है।
हथिवार
गांव
में
क्राइम
रेट
जीरो
देखकर
पुलिस
अधिकारी
भी
हैरान
हो
जाते
हैं।