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MP: जटाशंकर में जलधाराएं बनी भगवान भोलेनाथ की जटाएं, आधी रात को हुआ भव्य जलाभिषेक

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सागर, 17 अगस्त। बुंदेलखंड के भगवान केदारनाथ कहलाने वाले छतरपुर जिले के जटाशंकर धाम में भगवान भोलेनाथ का प्रकृति ने भव्य और दिव्य अभिषेक किया है। बीते तीन दिन से जोरदार बारिश के बाद यहां बीती रात यहां अद्भुत नजारा देखने को मिला। साक्षात पवित्र जलधाराओं ने यहां विराजे महादेव का जलाभिषेक किया है। हालांकि जोरदार बारिश के जोरदार जब पहाड़ी से नीचे उतरने वाली जलधाएं अपने पूरे बेग से नीचे उतरी तो यहां भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया था। यहां पूरे मंदिर परिसर में बाढ़ के जैसा नजारा था। यह जितना मनोहारी, आकर्षक और भव्यता लिए था, उतना ही खतरनाक भी बन गया था। भारी बारिश के दौरान यहां श्रदधालुओं का प्रवेश बंद कर दिया जाता है।

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बुंदेलखंड के केदारनाथधाम जटाशंकर में प्राकृति ने जलधाराओं से किया भोलेनाथ का दिव्य अभिषेक

भगवान भोलेनाथ का प्रकृति ने भव्य और दिव्य अभिषेक किया

भगवान भोलेनाथ का प्रकृति ने भव्य और दिव्य अभिषेक किया

छतरपुर जिले के जटाशंकर धाम में भगवान भोलेनाथ का प्रकृति ने भव्य और दिव्य अभिषेक किया है। बीते तीन दिन से जोरदार बारिश के बाद यहां बीती रात यहां अद्भुत नजारा देखने को मिला। साक्षात पवित्र जलधाराओं ने यहां विराजे महादेव का जलाभिषेक किया है। हालांकि जोरदार बारिश के जोरदार जब पहाड़ी से नीचे उतरने वाली जलधाएं अपने पूरे बेग से नीचे उतरी तो यहां भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया था। यहां पूरे मंदिर परिसर में बाढ़ के जैसा नजारा था। यह जितना मनोहारी, आकर्षक और भव्यता लिए था, उतना ही खतरनाक भी बन गया था।

जटाशंकर धाम में किसी हिल स्टेशन जैसा नजारा हो जाता है

जटाशंकर धाम में किसी हिल स्टेशन जैसा नजारा हो जाता है

मप्र के छतरपुर जिले में मूसलाधार बारिश से जटाशंकर धाम में किसी हिल स्टेशन जैसा नजारा हो जाता है। यहां भोलेनाथ की जटाओं से वैसे तो 12 महीने झरना बहता है, लेकिन जोरदार बारिश ने इसे और विहंगम बना दिया। रात के समय बना यह नजारा देखते ही बनता है। धाम परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में भव्य नजारा कैद हुआ है। विंध्य पर्वत श्रंखला स्थित प्रसिद्ध तीर्थ पर्यटन स्थल जटाशंकर धाम अलौकिक, भौगोलिक रूप से बिल्कुल हिल स्टेशन का अहसास कराता है।

नजारा इतना मनभावन होता है कि इससे नजर नहीं हटती

नजारा इतना मनभावन होता है कि इससे नजर नहीं हटती

श्री जटाशंकर धाम न्यास के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल बताते हैं कि बीते चार दिन से हो रही जोरदार बारिश के बाद यहां बीते रोज जटाशंकर धाम स्थित भगवान भोलेनाथ का प्रकृति ने बारिश रूपी अमृत से अभिषेक किया। श्री अग्रवाल ने बताया कि नजारा इतना मनभावन होता है कि इससे नजर नहीं हटती है। रात के समय जोरदार बारिश के दौरान सारे परिसर में पानी का सैलाब था। चुकी देर रात और तड़के सुबह का स्थिति बनी थी, उस दौरान मंदिर परिसर में कोई श्रदधालु नहीं था। उन्होंने बताया कि इससे पहले जुलाई माह में भी जटाशंकर धाम में बारिश के दौरान हिल स्टेशन सा नजारा बन गया था, यहां ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रकृति स्वयं भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर रही हो।

पहाड़ों के बीच स्थित है जटाशंकर धाम

पहाड़ों के बीच स्थित है जटाशंकर धाम

पहाड़ों के बीच स्थित है जटाशंकर धाम
जटाशंकर धाम पहाड़ी के मध्य स्थित है। इसके तीन और पहाड़ हैं। यहां बारिश होने से तीनों पहाड़ों का पानी शिव धाम की सीढ़ियों और गो मुख के झरने से आता है। इससे यहां बारिश में नजारा अद्भुत हो जाता है। खुद प्रकृति भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करती है। तेज बारिश होने से यहां नजारा किसी हिल स्टेशन या बड़े झरने की तरह दिखता है। बारिश के मौसम में यहां प्रकृति के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, प्रकृति के श्रृंगार को निहारने के लिए लोग लालायित रहते हैं।

विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं से जटाओं की तरह बहती हैं जलधाराएं

विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं से जटाओं की तरह बहती हैं जलधाराएं

जटाशंकर धाम छतरपुर मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर है। यह स्थान चारों तरफ से विंध्य पर्वत श्रंखला के पर्वतों से घिरा है। पर्वत से जटाओं की तरह बहने वाली जलधाराएं ऐसी दिखती हैं, जैसे भगवान शिव की जटाओं से गंगा बह रही हो। बहती जलधारा के कारण ही इस स्थान का ना जटाशंकर है। अमरनाथ की तरह इस स्थान की खोज एक चरवाहे ने की। गुफा में भगवान शिव का मन्दिर है। मंदिर में तीन छोटे-छोटे जल कुंड हैं, जिनका जल कभी खत्म नहीं होता। इन कुंडों के पानी का तापमान हमेशा मौसम के विपरीत होता है। ठंड में पानी गर्म और गर्मी में शीतल। मान्यता है कुंड के पानी से स्नान से कई असाध्य और चर्मरोग रोग खत्म हो जाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन से पहले कुंड के पानी से स्नान जरूर करते हैं।

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English summary
Lord Bholenath's hair became streams in Jatashankar, grand Jalabhishek took place at midnight
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