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MP: तीन साल बाद भरी लाखा बंजारा झील, झमाझम के बाद बांध की तर्ज पर खोले गए गेट

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सागर, 17 अगस्त। बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय पर स्थित ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील के पुनरुद्धार और सौंदर्यकरण का काम चल रहा है। झील गहरीकरण, संरक्षण व घाट निर्माण के तहत यहां झील ओवरफ्लो सेक्शन पर पानी निकालने के लिए गेट लगाए जा रहे हैं। बीते चार दिन से जोरदार बारिश के दौरान झील फुल लेवल पर आ गई है। बीती शाम झील के गेट खोले गए। जैसे ही गेट खुले किसी बडे़ बांध की तरह इससे पानी निकलने लगा। शहर के अंदर झील में इस तरह का यह पहला अनुभव और मौका था। लोग मौंगा बंधान के पास खडे़ होकर घंटे ओवरफ्लो को निहारते रहे।

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लाखा बंजारा झील में लगे हाईड्रोलिक गेट, पहली दफा खुले, झील ओवरफ्लो होने लगी
सागरः ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील में पहली दफा खुले गेट

सागर सहित मप्र में बीते चार दिन से हो रही जोरदार बारिश से लाखा बंजारा झील का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। झील में कनेरादेव कैनाल एवं इनलेट चैम्बरों आदि से आने वाला स्वच्छ जल एकत्र होने लगा है। सोमवार को कलेक्टर व सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड चेयरमेन दीपक आर्य ने झील का निरीक्षण किया। उन्होंने मोंगा बंधान की ओर जलभराव स्तर की जानकारी ली। मोंगा बंधान में लगे स्लूज गेटों की ओर 520.50 लेवल तक जल स्तर पहुंच चुका है। उन्होंने मोंगा बंधान में लगे स्लूज गेटों को खुलवाकर इनका भी परीक्षण कराया। वर्तमान में 520.50 लेवल पर जल स्तर पहुंचने पर गेटों को खोला गया है। पूर्व में किए गए निर्णयानुसार 520.50 लेवल तक अर्थात कुल क्षमता का 50 प्रतिशत ही प्रथम वर्ष में झील को भरा जाना है। स्लूज गेटों को खोले जाने के बाद झील का पानी मोंगा बधान से बाहर निकल रहा है। स्वच्छ जल एकत्रीकरण एवं जल संवर्धन के मुख्य उद्देश्य के साथ शहर के बीचों बीच स्थित सबसे बड़ी वॉटर वॉडी का कायाकल्प लाखा बंजारा लेक रिजूवनेशन एंड लेक फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना में सागर स्मार्ट सिटी द्वारा किया जा रहा है।

जोरदार बारिश के दौरान झील फुल लेवल पर आ गई है

उल्लेखनीय है कि बीते कई वर्षों तक झील में मिलने वाले विभिन्न छोटे-बड़े, नाले-नालियों का एवं घरों से सीधे झील में मिलने वाले सीवरेज आदि के कारण झील में प्रदूषित हरा पानी एकत्र हो रहा था। और मोंगा बधान से भी हरा प्रदूषित पानी ही बहकर खेतों आदि में पहुंचता था। लैब रिपोर्ट के अनुसार यह गंदा पानी किसी भी उपयोग कि लायक नहीं था। वर्तमान में इस परियोजना के तहत झील के चारों ओर परिधि में पाइपलाइन बिछाकर सभी नाले-नालियों को टैप करने के बाद इनके गंदे पानी व सीवरेज आदि को झील में मिलने से रोकते हुए सीधे मोंगा बधान से बाहर निकाला जा रहा है।

English summary
MP: Lakha Banjara lake filled after three years, gates opened on the lines of dam after Jhajjam
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