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जबलपुर में एटीम से धोखाधड़ी से पैसे निकालने का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। युवक अपनी एक आईटी फ्रेंड की मदद से लोगों के एटीम से पैसा निकल लेते था। वह भी उनके सामने और उन्हें इस बात तक की भनक तक नहीं लगती थी कि पास में खड़े व्यक्ति ने उसके साथ ही एटीएम से पैसे निकाल लिए हैं। इसके लिए वह युवक आईटी इंजीनियरिंग की छात्रा की मदद लेता था। अभी तक वे 6 लोगों को शिकार बना चुके हैं। पुलिस ने दोनों अपराधियों के गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक छतरपुर निवासी दीपक सोनी ऐसे एटीएम को निशाना बनाता था, जहां पर केबिन में दो एटीएम मशीनें लगी हों। इसके बाद शुरू होती था उसका गेम। दीपक एटीएम के सामने खड़े होकर मोबाइल पर बात करने का बहाना करता था। जैसे ही कोई एटीएम मशीन में कार्ड स्वैप करता, वह उस व्यक्ति से कहता कि आप दूसरी मशीन से रकम निकाल लें। इस मशीन में उसकी रकम फंसी हुई है। इसके बाद दीपक आकर एटीएम मशीन के सामने खड़ा हो जाता था।
जैसे ही रकम निकालने वाला व्यक्ति दूसरी मशीन में कार्ड स्वैप करने के बाद रकम निकालने के लिए पासवर्ड डालता वह शातिर तरीके से अंगुलियों की चाल से पासवर्ड देख लेता था। वह जल्दी से पहली मशीन में पासवर्ड डाल देता। जब तक ग्राहक बाहर नहीं चला जाए तब तक वह इंतजार करता था। इसके बाद वह एटीएम से अधिकतम रकम निकाल लेता था।
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दीपक ने पुलिस को बताया कि उसे एटीएम जालसाजी के गुर उसकी एक दोस्त आईटी इंजीनियरिंग की छात्रा शिवानी मतेले ने सिखाए थे। शिवानी फिलहाल इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही है। पुलिस ने शिवानी मतेले को भी गिरफ्तार किया है। दीपक को जब भी किसी तरह की तो वह शिवानी से मोबाइल पर सलाह लेता था।
ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे: बिलहरी के एक एटीएम में जालसाजी के दौरान दीपक का एटीएम कार्ड मशीन में फंस गया। पुलिस ने जब एटीएम कार्ड की जांच कराई तो उसमें दीपक सोनी का मोबाइल नंबर मिल गया। मोबाइल नंबर को ट्रेस करते हुए पुलिस इंदौर पहुंची और आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि दोनों ने मिलकर कहां-कहां धोखाधड़ी की है।