Khajuraho में अब चमकेंगे पूर्वी मंदिर समूह, इन्हें भी दी जा रही खूबसूरती
Khajurao में चंदेलकालीन यूनेस्को की धरोहर में अमूमन पश्चिम मंदिर समूह को महत्व दिया जाता है। पूर्वी मंदिर समूह को पर्यटन के लिहाज से उतना महत्व नहीं दिया जाता, लेकिन अब पूर्वी मंदिर समूह को भी संरक्षित कर संवारा जा रहा है। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है। सबसे अहम मंदिर परिसर के विस्तार के लिए करीब 10 एकड़ भूमि भी अधिग्रहीत की जा रही है।
Madhya pradesh के छतरपुर जिले के खजुराहो में पूर्वी मंदिर समूह के ऐतिहासिक मंदिर जिनमें वामन मंदिर एवं जवारी मंदिर अब तक उपेक्षित से रहे हैं। इन मंदिरों को अब सजाया और संवारा जाएगा। यहां लेंड स्केपिंग; गार्डन घास आदि लगाकर सुंदर बनाया जाएगा। वहीं मंदिर परिसर को सुरक्षित रखने बाउंड्रीवॉल का भी निर्माण किया जाएगा। इसके लिए पुरातत्व विभाग ने करीब 10 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है। इन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासकों ने कराया था। खजुराहो के पर्यटन में इन मंदिरों का भी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पुरातत्व विभाग ने अब पूर्वी समूह के मंदिरों को सजाने का प्लान तैयार कर लिया है।
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दूल्हादेव
मंदिर
के
पास
लेंड
स्केपिंग
हो
चुकी
हैं
पूर्वी
समूह
मंदिरों
के
रंग-रोगन
कर
इन्हें
संवारने
का
काम
जल्द
शुरु
होगा।
यहां
लेंड
स्केपिंग
की
जाएगी
व
सुरक्षा
दीवार
तैयार
की
जाएगी।
पुरातत्व
विभाग
जबलपुर
मंडल
के
अधीक्षक
डॉ.
शिवकांत
वाजपेयी
ने
निरीक्षण
कर
इन
मंदिरों
में
भी
पश्चिम
मंदिर
समूह
जैसा
वातावरण
निर्मित
करने
का
प्रपोजल
चल
रहा
है।
खजुराहो
के
प्रोटेक्टेड
मंदिरों
के
चारों
ओर
लेंड
स्केपिंग
कर
इन्हें
आकर्षक
बनाया
जाएगा।
बता
दें
कि
पूर्वी
मंदिर
समूह
तक
अभी
कम
ही
पर्यटक
पहुंच
पाते
हैं।