झारखंड से उज्जैन आकर भक्त ने किए 17 लाख के सोने का दान, पत्नी की अंतिम इच्छा की पूरी
उज्जैन, 27 अक्टूबर: बाबा महाकाल के चरणों में एक भक्त ने 17 लाख के सोने के आभूषणों को दान कर दिया। बाबा के मंदिर में आए झारखंड के श्रद्धालु ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी की। संजीव कुमार अपनी पत्नी की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए अपनी मां के साथ महाकाल के दरबार में आए थे और अपनी पत्नी के सारे जेवरात दान करके चले गए।
17 लाख रुपए के जेवरात मंदिर में अर्पित
दरअसल, झारखंड के बोकारो के रहने वाले श्रद्धालु संजीव कुमार ने करीब 310 ग्राम सोने को महाकाल के मंदिर में दान किया है। दान किए गए सोने की कीमत 17 लाख रुपए बताई जा रही है। श्रद्धालु संजीव के मुताबिक उनकी पत्नी की अंतिम इच्छा थी कि उनके सारे आभूषण महाकाल मंदिर में दान कर दिए जाए, जिसको पूरा करते हुए संजीव ने यह काम किया।
रश्मि प्रभा की आखिरी इच्छा पति ने की पूरी
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि रश्मि प्रभा नाम की महिला का कुछ वक्त पहले स्वर्गवास हो गया था। महिला महाकाल की भक्त थीं और नियमित तौर पर दर्शन के लिए मंदिर आती थीं। ऐसे में उन्होंने अपनी इच्छा अपने पति को बताई, जिसको पूरा करते हुए उनके पति ने जेवरातों को मंदिर में भगवान को अर्पित कर दिए।
बाबा के चरणों में 310 ग्राम सोना
रश्मि का परिवार झारखंड के बोकारो से बीते शनिवार को उज्जैन आया, जहां महिला के पति संजीव कुमार और उनकी मां ने रश्मि के गहने मंदिर को दान कर दिए। इन जेवरातों में सोने के 2 हार, 1 माला, 2 चूड़ी, 2 कंगन, 4 कान के झुमके, 1 कुंडल, 1 अंगूठी थी। गहनों का वजन 310 ग्राम था, जिसकी कीमत 17 लाख रुपए के करीब बताई जा रही है। वहीं मंदिर के प्रशासक ने दानदाता संजीव कुमार का शॉल और श्रीफल से सम्मान किया।
12 ज्योतिर्लिंग में एक महाकालेश्वर मंदिर
गौरतलब है कि भगवान शिव के देशभर में 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में है, जिसकी ख्याती पूरे विश्वभर में हैं। ऐसे में कोरोना काल के बाद महाकाल मंदिर के द्वार खुलते ही श्रद्धालु दिल खोल कर दान कर रहे हैं। आपको बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद करीब ढाई महीने के ज्यादा वक्त से बंद रहने के बाद महाकाल मंदिर 28 जून से फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।
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